सूरतः अदालत ने किशोरी को माता बनाने के आरोप में मौसा को उम्रकैद की सजा सुनाई

सूरतः  अदालत ने किशोरी को माता बनाने के आरोप में मौसा को उम्रकैद की सजा सुनाई

माता-पिता की मौत के बाद किशोरी मौसा की हवस की शिकार हुई

शहर के सलाबतपुरा इलाके में मां-बाप की मौत के बाद मौसा के हवस शिकार हुई और बच्ची को जन्म देने वाली मासूम किशोरी के साथ दुष्कर्म केस में कोर्ट ने सजा सुनाई है।  सूरत सेशन कोर्ट ने आरोपी मौसा को उम्रकैद की सजा सुनाई है। वहीं, अदालत ने पीड़िता को 10 लाख रुपये की सहायता और आरोपी को सात हजार रुपये का जुर्माना का आदेश  भी दिया है। अदालत ने वीडियो कॉलिंग से फैसला सुनाया कि डीएनए रिपोर्ट से पता चला है कि आरोपी पीड़िता के बच्चे का पिता था।
सरकारी वकील किशोर विट्ठलदास रेवलिया  ने कहा कि यह घटना एक साल पहले सलाबतपुरा पुलिस थाना क्षेत्र में हुई थी। अपने माता-पिता की मृत्यु के बाद, एक 14 वर्षीय लड़की मजदूरी के रूप में काम कर रही थी। लड़की के अकेलेपन का फायदा उठाकर पड़ोस में रहने वाली मौसा शैलेश मगन राठौर ने उसे बार-बार दुष्कर्म किया । हालांकि इस पूरी घटना के 7 महीने बाद किशोरी का पेट बाहर निकलते देख चचेरे भाई ने जांच के लिए सिविल अस्पताल ले गया तो जांच में किशोरी के गर्भ होने की बात सामने आई। जिससे  पुलिस ने तुरंत शिकायत की जांच शुरू कर दी।
पीड़िता ने पुलिस को बताया कि मौसा जबरन गंदा काम कर अपनी हवस पूरी कर रहा था।  इसलिए पुलिस ने शैलेश राठौर को गिरफ्तार कर आगे की जांच की। जांच में पता चला कि आरोपी किशोरी को धमकाकर दुष्कर्म कर रहा था। बलात्कार के मामले में पीड़िता ने सिविल अस्पताल में बच्ची को जन्म दिया। डीएनए रिपोर्ट के बाद, सूरत सत्र न्यायालय ने मंगलवार को  आरोपी को आजीवन कारावास और 7,000 रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई। इतना ही नहीं पीड़ित किशोरी को 10 लाख रुपये देने को कहा गया है।
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