सूरत : कोविड केयर व निजी अस्पतालों में कोरोना मरीजों के शरीर के गहनों के गायब होने की शिकायतें बढ़ीं

सूरत : कोविड केयर व निजी अस्पतालों में कोरोना मरीजों के शरीर के गहनों के गायब होने की शिकायतें बढ़ीं

मरीज की मृत्यु होने के बाद गहने गायब होने की शिकायते, सीसीटीवी फुटेज की मांग की गई

शहर में कोरोना के कारण परिस्थिति दिन-प्रतिदिन बिगड़ती जा रही है। निजी अस्पताल और सरकारी अस्पतालों में भी बड़ी संख्या में मरीज आ रहे हैं। बढ़ते मरीजों के बीच चोरी के कई किस्से भी सामने आ रहे है। सूरत सिविल हॉस्पिटल और गिरीश ग्रुप ऑफ़ हॉस्पिटल में कोरोना से मृतक के शरीर पर से ज्वेलरी गायब होने का आरोप परिवारजनों ने लगाया है। 
गिरीश ग्रुप ऑफ़ हॉस्पिटल में से मरीज के गले में से सोने की रुद्राक्ष जडित माला गायब हो गई, जबकि सिविल में से भी मृतक महिला के कान में से सोने की झाली गायब हो गई। दोनों घटनाओं के बारे में शिकायत की गई है। प्राप्त जानकारी के अनुसार नंदुरबार के देसाईपुरा में रहने वाले भरत भाई त्रिवेदी को 31 मार्च के रोज गिरिश ग्रुप होस्पिटल मे दाखिल हुए थे। वह रोज अपने परिवार वालों से वीडियो कॉल करके बातचीत करते थे तब उनके गले में पहने हुए रुद्राक्ष की माला दिखती थी। 7 तारीख को भरत भाई की उपचार के दौरान मौत हो गई। हॉस्पिटल में उनकी मौत के बाद परिवारजनों को सोने की अंगूठी तो दी लेकिन सोने की माला का कुछ अता-पता नहीं चला। उनके बेटे रश्मिकांत त्रिवेदी ने कहा कि जब पिता जी हॉस्पिटल में एडमिट हुए थे तो उन्होंने सोने की चैन पहनी थी। हॉस्पिटल प्रशासन ने उन्हें सीसीटीवी फुटेज देने की बात कही थी। इसके बाद परिवार जन पुलिस स्टेशन में शिकायत करने पहुंचे थे लेकिन पुलिस स्टेशन में भी यह कहकर वापस कर दिया गया कि पहले सीसीटीवी फुटेज देख लो यदि उसमें कोई आपत्तिजनक बात नजर आती है तो शिकायत करना। 
दूसरी ओर सिविल हॉस्पिटल में भी वराछा के खोडियार नगर रोड के पास आशापुरी सोसायटी में रहने वाली 50 साल की जयाबेन को 5 तारीख के रोज दाखिल किया गया था। इसके बाद उनकी मौत हो गई। उनका परिवार लाश वेरिफिकेशन के लिए 6 अप्रेल की देर रात तक कोविड-19 सेन्टर में मौजूद थे। लेकिन उस दिन उन्हें बुलाया नहीं गया, जिसके चलते वह वापिस आ गए। बाद में 7 अप्रैल को सवेरे 7:00 बजे वह फिर से अस्पताल पहुंचे लेकिन उन्हें 10 बजे बुलाया गया। जब उन्हें लाश दी गई तब जयाबेन की लाश में से कान की बूटी गायब थी। हालांकि इस दौरान अंतिम विधि के लिए देर होने से परिवार वाले चले गए और वापस आकर उन्होंने सुपरिटेंडेंट डॉ एसएम पटेल को शिकायत की थी और फुटेज की मांग की थी।