सूरतः बच्चों के लिए कोरोना की तीसरी लहर घातक होने की आशंका के बाद बाल रोग संघ सतर्क, टास्क फोर्स का गठन

सूरतः बच्चों के लिए कोरोना की तीसरी लहर घातक होने की आशंका के बाद  बाल रोग संघ सतर्क, टास्क फोर्स का गठन

तीसरी लहर में बच्चों के संक्रमित होने की आशंका को देखते हुए तंत्र ने तैयारी शुरू कर दी है।

तीसरी लहर आती है तो क्या-क्या उपचार दिया जाएगा उसकी रणनीति तैयार की जा रही है
पूरे देश में कोरोना कहर बरपा रही है। दूसरी लहर भी बहुत घातक रही। खासकर सूरत शहर में कोरोना की दूसरी लहर में 2 हजार से ज्यादा पॉजिटिव केस सामने आ रहे थे। लेकिन अब तीसरी लहर और इस तीसरी लहर में बच्चों के संक्रमित होने की खबरें आ रही हैं। तो क्या तीसरी लहर बच्चों के लिए घातक साबित हो सकती है? यह एक बड़ा सवाल है। सूरत में बाल चिकित्सा संघ सतर्क हो गया है और प्रशासन के साथ बैठक कर आगे की तैयारी शुरू कर दी गई है। टास्क फोर्स का भी गठन किया गया है।
नाइस चिल्ड्रेन हॉस्पिटल और टास्क फोर्स के सदस्य कोरोना के तीसरी लहर आने की उम्मीद जता रहे हैं। जिससे सूरत बाल रोग संघ सतर्क हो गया है। सूरत बाल रोग संघ एवं प्रशासन के साथ बैठक की गई। एक निजी अस्पताल में कितने बाल चिकित्सा बिस्तर उपलब्ध हैं। कितने बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर हैं? नर्सिंग स्टाफ तैयार करने को लेकर भी चर्चा हुई। साथ ही इस बात की रणनीति पर काम किया जा रहा है कि थर्ड वेव की स्थिति में क्या इलाज दिया जाएगा। इसके अलावा बाल चिकित्सा संघ स्टाफ प्रशिक्षण के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है। साथ ही माता-पिता और बच्चों को जागरुक करने के लिए एक मॉडल विकसित किया जा रहा है। कोरोना की तीसरी लहर आ रही है और अगर एक ही समय में 3 से 6 हजार बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराया जाता है, तो कोविड प्रोटोकॉल ट्रीटमेन्ट मिले इसके लिए एसोसिएशन प्रोटोकॉल ट्रीटमेन्ट की रणनीति बना रही है। 
सूरत के एक निजी अस्पताल में 100 और सरकारी सिविल और स्मीमेर अस्पताल में एनआईएस युपी आई एसयु मिलाकर कुल 128 वेंटिलेटर  उपलब्ध हैं। हालांकि, सूरत बाल रोग संघ और प्रशासन के साथ बैठक में यह निर्णय लिया गया कि अगर कोरोना की तीसरी लहर आती है तो उसमें केवल बच्चे संक्रमित होंगे बल्कि बच्चों के साथ वयस्क भी संक्रमित हो सकते हैं। इसलिए एक नए वेंटिलेटर के लिए जो चर्चा हुई है, जो सबसे छोटे बच्चों से लेकर वयस्कों तक के लिए अतिरिक्त वेंटिलेटर डेटा के साथ आएगी, उसे अगली बैठक में प्रशासन के सामने रखा जाएगा।
डॉ. आशीष गोटी ने कहा कि जो लक्षण बड़े लोगों में देखे जाते हैं। बच्चों में भी यही लक्षण देखे जा सकते हैं। लेकिन बच्चों में कोरोना के अलावा MISC रोग भी देखा जा सकता है। तो MISC का विशेष उपचार जिसे प्रशासन से चर्चा करके IVIG कहा जाता है। उनका ऑर्डर भी दे दिया गया है। ताकि आने वाले समय में अचानक से कोई महामारी आए तो पर्याप्त दवा उपलब्ध हो सके।
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