सूरतः भेस्तान आवास में सो रहे परिवार पर गिरा छत का गोला, 1 साल की बच्ची की मौत

सूरतः  भेस्तान आवास में सो रहे परिवार पर गिरा छत का गोला, 1 साल की बच्ची की मौत

भेस्तान आवास में रात्रि के समय स्लेब का गोला गिरने से मासूम बच्ची की मौत हो गयी, मात्र ७ साल पुराने यह आवास जर्जरित हो जाने की शिकायत स्थानिय लोगों ने पालिका से की थी फिर भी किसी भी प्रकार की मरम्मत नही होने से हादसा होने का स्थानिकों ने आरोप लगाया।

महापौर की आवास स्थानांतरीत करने की गारंटी के बाद परिजनों ने स्वीकार किया शव
सूरत। सूरत नगर पालिका द्वारा संचालित पांडेसरा भेस्तान आवास में सो रहे परिवार पर छत का गोला गिरने से माता-पिता और मासूम घायल हो गए। इतना ही नहीं 1 साल की मासूम सिया खांडे को सिविल लाए जाने के दौरान मृत घोषित कर दिया गया।
परिवार का आरोप है कि 7-8 साल पुराने आवास में स्लेब के गोले गिरने की घटना के बाद भी नगर निगम के गैर जिम्मेदार अधिकारियों के पापों का शिकार मासूम हुई होने का आरोप लगाया।  खांडे परिवार किराए पर रहता था। परिवार ने कहा कि प्राथमिक उपचार के बाद माता-पिता को छुट्टी दे दी गई लेकिन उन्हें अपनी बेटी की मौत से अनजान रखा गया। हालांकि रविवार आधी रात को हुई इस घटना के बाद से आवास के लोगों में आक्रोश है।
ममताबेन (मृतक के फोई) ने कहा कि सिया प्रदीप खांडे केवल 1 वर्ष का थी। रविवार की रात खाना खाने के बाद परिजन सो गए। भेस्तान सरस्वती आवास की 20 इमारतों में से एक की छत के गोले अचानक गिरने से माता-पिता और एक मासूम बच्ची गंभीर रूप से घायल हो गई। आनन-फानन में पूरा आवास इकट्ठा हो गया। सभी को मलबे से बाहर निकाला गया और इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया, जहां सिया को मृत घोषित कर दिया गया।
उन्होंने आगे कहा कि मां आशा और पिता प्रदीप को स्मीमेर अस्पताल  में प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई। इतना ही नहीं इस घटना में एक बड़ी बेटी हर्षिता बाल-बाल बच गई जबकि छोटी बेटी वहीं सो रही थी। सिया के पिता टेंपो ड्राइवर और मां हाउस वाइफ बताई गई है। मूल मध्यप्रदेश के रहने वाले खांड़े परिवार को मासूम बेटी की मौत से बेखबर रखा गया है ताकि परिवार को झटका न लगे। बुआ ने मासूम के पोस्टमॉर्टम की जिम्मेदारी ली है। उन्होंने आगे कहा कि इस इमारत में यह चौथी या पांचवीं घटना है। नगर पालिका को बार-बार सूचित किया गया है कि गोले गिर रहे हैं लेकिन कोई मरम्मत नहीं की जा रही है। परिजनों का आरोप है कि मासूम नगर पालिका की गैरजिम्मेदारी का शिकार हुई है, जिसके विरोध में आवास की सभी महिलाएं पोस्टमॉर्टम कक्ष में जमा हो गई । इस बीच मृतक के नाना ने कहा कि वह शिकायत दर्ज होने तक मासूम के शव को दफनाने के लिए स्वीकार नहीं करेगा।
घटना की सूचना मिलते ही  मेयर हेमाली बोघावाला सिविल अस्पताल में प्रदर्शन कर रहे लोगों को समझाने के लिए पहुचे और उन्होने घटना को दुखद बताया। स्थानिय निवासियों की शिकायत करने और निवासियों को समझाने के बाद सभी लोगों को वडोद आवास में स्थानांतरित करने का आश्वासन दिया। इसलिए परिजनों ने बच्ची के शव को स्वीकार किया और अंतिम संस्कार के लिए तैयार हुए। 
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