सूरत : स्वामीनारायण मंदिर में वर्चस्व की लड़ाई, राकेश प्रसाद ट्रस्ट द्वारा मंदिर पर कब्जा करने को लेकर हरिभक्तों में आक्रोश

सूरत :  स्वामीनारायण मंदिर में वर्चस्व की लड़ाई, राकेश प्रसाद ट्रस्ट द्वारा मंदिर पर कब्जा करने को लेकर हरिभक्तों में आक्रोश

मामला तनावपूर्ण था क्योंकि हरिभक्त विरोध करने के लिए मंदिर में एकत्र हुए थे

हरिभक्तों ने कहा कि राकेश प्रसाद के लोग हमें मंदिर में नामजप करने से रोकते हैं
स्वामीनारायण संप्रदाय में गाद्दीपति राकेश प्रसाद महाराज और वड़ताल के अजेंद्र प्रसाद महाराज के बीच वर्चस्व की लड़ाई कई वर्षों से चल रही है। इस लड़ाई के बीच कई राजनीतिक और कानूनी विवाद सामने आ रहे हैं।  एक बार फिर सूरत के पुणा इलाके के शंकरनगर स्थित स्वामीनारायण मंदिर में विवाद खड़ा हो गया है।  पुणा क्षेत्र के मंदिर को राकेश प्रसाद महाराज के ट्रस्ट में शामिल किए जाने की चर्चा चल रही  है, जिसको लेकर हरिभक्तों में विरोध देका जा रहा है। मंदिर में दर्शन करने से रोकने एवं नामजाप (कीर्तन) नही करने देने आरोप के साथ हरिभक्तों ने विरोध करने पर पुलिस बुलाने की जरुरत पड़ी।  
अजेंद्र प्रसाद के समर्थक इस मंदिर के साधु रहे राजेंद्र प्रसाद की ओर बढ़ रहे हैं।  विवाद तब खड़ा हो गया जब उन्होंने इस मंदिर का संचालन करने वाले अजेंद्र प्रसाद को छोड़ दिया। मंदिर की संपत्ति हरिभक्तों के नाम है। विवाद इतना बढ़ गया है कि कुछ हरिभक्त जिनके पास यह संपत्ति है, वे राकेश प्रसाद के पास चले गए हैं। एक ही संप्रदाय के संतों के बीच लंबे समय से मंदिर पर कब्जा करने की होड़ चल रही है। वड़ताल के मंदिरों में भी देश भर में तरह-तरह के विवाद देखने को मिल रहे हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार मंदिर की संपत्ति  हरिभक्त के नाम है, उसमें से दो हरिभक्त राकेश प्रसाद महाराज के पास गए हैं और अन्य तीन हरिभक्त अजेंद्र प्रसाद के पास हैं।   हरिभक्तों के नाम पर धन को साधू संतों द्वारा अपने नियंत्रण में रखने के लिए ले जाया जाता है। पिछले एक महीने से मंदिर के अंदर विवाद शुरू होने के बाद से हरिभक्तों और राजेंद्र प्रसाद स्वामी के समर्थकों के बीच झगड़ा बढ़ गया है। आज स्थिति बिगड़ने पर पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रित करने का प्रयास किया।
इससे पहले भी राकेश प्रसाद महाराज और अजेंद्र प्रसाद के बीच दान के मुद्दे पर काफी लंबी लड़ाई शुरू हो गई थी। अजेंद्र प्रसाद के समर्थकों द्वारा रामपुरा मंदिर में एक महीने तक विरोध प्रदर्शन किया गया था। हरिभक्तों द्वारा राकेश प्रसाद स्वामी के विरोध में एक माह तक मंदिर में निर्बाध धुन का आयोजन किया गया। तब भी कुछ समय के लिए राजनीतिक हस्तक्षेप के बाद विवाद शांत हुआ था, लेकिन स्वामीनारायण संप्रदाय में आए दिन इस तरह के विवादों से लोगों की आस्था को ठेस पहुंची है।  पुणा इलाके में स्वामीनारायण मंदिर पर कब्जे को लेकर राकेश प्रसाद महाराज और अजेंद्र प्रसाद के बीच एक बार फिर विवाद शुरु हो गया है। 
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