सूरत : तीन दिन बाद टीकाकरण शुरू होने पर लोग टोकन लेने उमड़े, वरिष्ठ नागरिकों को उठानी पड़ी परेशानी

सूरत :  तीन दिन बाद  टीकाकरण शुरू होने पर लोग टोकन लेने उमड़े,  वरिष्ठ नागरिकों को उठानी पड़ी परेशानी

अडाजण क्षेत्र के पाल में टीकाकरण केंद्र पर पहुंचे लोगों ने बताया कि आज भी वैक्सीन नही मिलने से परेशानी बढ़ गई है

शहर  में शनिवार को तीन दिन बाद टीकाकरण की प्रक्रिया शुरू हुई, जिसमें टीकाकरण के लिए बड़ी संख्या में लोग विभिन्न टीकाकरण केंद्रों पर उमड़ पड़े। ज्यादातर टीकाकरण केंद्रों पर लोग हाथ-पांव मारते दिखे। फिर भी कई मामलों में लोग बिना टोकन के ही सेन्टर  के मुहाने से लौट आए। शनिवार को सुबह 7 बजे टीकाकरण केंद्र पर लोग खड़े थे। शनिवार को 16,201 लोगों को वैक्सीन की खुराक लगाई गई। जिसमें 8087 लोगों को पहला डोज तथा 8114 लोगों को दूसरा डोज लगाया गया। 
सूरत शहर में कुल 105 टीकाकरण केंद्रों का टीकाकरण किया गया। प्रारंभिक चरण में, राज्य सरकार द्वारा औसतन 35,000 से 45,000 टीके भेजे गए। लेकिन अचानक अब इसमें भारी गिरावट देखने को मिल रही है। पिछले तीन दिनों से टीकाकरण प्रक्रिया बंद होने के बाद शनिवार  सुबह एक बार फिर लोग वैक्सीन लेने पहुंचे।
एक ओर सरकार वैक्सीन प्राप्त करने के लिए अभियान चला रही है, वहीं दूसरी ओर शहर में टीकाकरण केंद्रों की संख्या में भी कमी आई है और पहले उपलब्ध टीकों की खुराक भी काफी कम हो गई है। जिसके कारण टीकाकरण केन्द्रों पर 7 बजे से 8 बजे तक स्थिति बहुत खराब हो जाती है। कई बार स्थिति नियंत्रण से बाहर होती नजर आ रही है। इससे टीकाकरण केंद्र के कर्मचारियों और लोगों के बीच विवाद की घटनाएं भी होती हैं। टोकन देने के बाद भी वैक्सीन नहीं दी जाती है।
वैक्सीन की पहली डोज लेने आई किरण वर्मा ने कहा कि जब मैं वैक्सीन लेने आई तो यहां सुबह 50 से ज्यादा लोग मेरे सामने खड़े थे। इसके बाद लगातार भीड़ बढ़ती गई। हमें टोकन प्राप्त करने में भी कठिनाई हुई।  विशेष रूप से वरिष्ठ नागरिकों को टोकन नहीं मिल पा रही हैं। क्योंकि,धक्कामुक्की बहुत होता है, जिसके हाथ में टोकल लगता है वह टोकन छीन लेता है।  मुझे लगभग तीन घंटे बाद टीका मिला।
जीतू शाहू ने कहा कि मैं एक कंपनी में काम करता हूं और मुझे वहां से वैक्सीन लगाने के लिए कहा गया है।" मैं  सुबह सात बजे पहुंचा और टोकन ले लिया। यहां स्थिति इतनी खराब है कि एक शुरुआती टोकन भी हाथ नहीं आता। इसके बाद फिर टोकन में दिया गया नंबर के अनुसरा  टीके नहीं दिए जाते हैं। मेरे पास एकमात्र टोकन 100 नंबर था लेकिन मुझसे पहले अन्य लोग वैक्सीन लगवाकर जा रहे हैं।
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