सूरत : नशे की लत देता है मौत को आमंत्रण, जानें शराबी के कारनामें

सूरत  : नशे की लत देता है मौत को आमंत्रण, जानें शराबी के कारनामें

शराब पीकर रेलवे ट्रैक पर सोए युवक के दोनों पैर कटे, 9 घंटे तक तड़पता रहा, इलाज के दौरान मौत

सूरत में अमरोली-सायन रेलवे ट्रैक पर शराब के नशे में सोए कानपुर निवासी एक व्यक्ति के दोनों पैर कट जाने की घटना प्रकाश में आई हैं। ट्रेक पर कटा हुआ पैर छोड़कर गोलू नामक युवक  जान बचाने के लिए दो पटरियों के बीच गड्ढे में 9 घंटे तक घायल हालात में तड़पते हुए पड़ा रहा। सुबह रेलवे ट्रैक पार कर काम जाते समय उसके दोस्तों ने उसे गंभीर हालत में देखा और उसे इलाज के लिए 108 की मदद से सिविल अस्पताल ले जाया गया। दोस्त बदन सिंह के अनुसार गोलू घर से दुकान जाने की बात कहकर घर से निकला था। गोलू अंजनी इंडस्ट्रियल एस्टेट में लूम्स फैक्ट्री में काम करता था। सिविल में इलाज के दौरान गोलू की मौत हो गई।
मृतक के पिता इंद्रपाल कोहली  ने बताया कि गोलू 6 पुत्रों और एक पुत्री में चौथा पुत्र था। वह तीन महीने पहले ही रोजगार की तलाश में सूरत गया था। शराब पीने के बारे में पिता ने कहा, "हमें पता था कि वह शराब पीता है, लेकिन उसने हमारे सामने कभी नहीं पिया।" उनके बेटे की आकस्मिक मौत बहुत दुखद है। हम बस यही दुआ करेंगे कि भगवान उनकी आत्मा को शांति दे और हो सके तो हम उनका दाह संस्कार कानपुर में करेंगे।
 बदनसिंह ने कहा कि गोलू लंबे समय से उसके साथ रुम पार्टनर के तौर पर रह रहा है। अंजनी इंडस्ट्रियल एस्टेट के खाते में मजदूरी करने वाला गोलू कानपुर का रहने वाला था। शुक्रवार रात 11 बजे शराब के नशे में दुकान पर जाने को कह कर निकला गोलू  वापस नहीं आया। सुबह अन्य दोस्तों के साथ रेलवे ट्रैक पार करते समय दोनों पैरों के कटे हुए रेलवे ट्रैक के दो पटरियों के बीच गड्ढे में मिले। 108 की मदद से गोलू को इलाज के लिए सिविल अस्पताल लाया गया। रेल पटरियों के बीच घायलावस्था में मिले गोलू ने कहा, "मैं रेल की पटरियों पर नशे में सो गया था।" ट्रेन से पैर कटने के बाद  जान बचाने के लिए घुसक-घुसक कर शरीर को गड्ढे तक ले गया। पूरी रात यानी 9 घंटे बाद उसे इलाज के लिए सिविल लाया गया। जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
108 एंबुलेंस की मदद से गोलू को सिविल अस्पताल लाया गया है। जहां दोनों पैर बुरी तरह कुचले हुए मिले हैं। यह एक ऐसी स्थिति बन गई है जिसे तत्काल कार्रवाई में लेना होगा। दोनों पैरों का कुचला हिस्सा काटकर मरीज की जान बचाने का प्रयास किया गया, लेकिन सफलता नहीं मिली। 
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