सूरत : 80 वर्षीय बुजुर्ग 47 दिनों के बाद कोरोना को हराकर पहुंचे घर

सूरत : 80 वर्षीय बुजुर्ग 47 दिनों के बाद कोरोना को हराकर पहुंचे घर

भूतपूर्व शिक्षक को हो गया था 90 प्रतिशत इन्फेक्शन, डॉक्टरों को किया धन्यवाद

पिछले के साल से कोरोना से काफी लोगों ने अपनी लड़ाइयाँ जीती है। इन सभी में कई बुजुर्ग लोगों का भी समावेश होता है। एक और ऐसे ही सूरत के 80 साल के बुजुर्ग ने 47 दिनों की कठिन लड़ाई के बाद कोरोना को मात दिया है। इस दौरान बुजुर्ग को 15 दिन वेंटीलेटर, 5 दिन बायपेप और 4 दिन ऑक्सीज़न सपोर्ट पर भी रखा गया था। बुजुर्ग के फेफड़ों में 90 प्रतिशत से भी अधिक हो गया था। ऐसे में उनका बचकर वापिस घर आना काफी बड़ी बात है। 47 दिनों की इस कठिन परीक्षा के बाद जब रमाकांत कुलकर्णी अपने घर पहुंचे, तो उनके परिवार की खुशियों का कोई ठिकाना नहीं था। 
रमाकांत भाई पहले शिक्षक के तौर पर नगर प्राथमिक शिक्षण समिति की स्कूल में पढ़ाते थे। फिलाल वह नवयुग कॉलेज के पीछे अपने परिवार के साथ रहते है। पिछली 11 अर्पिल को उन्हें कोरोना के सामान्य लक्षण दिखाई दिये, जिसके चलते उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया। हालांकि रिपोर्ट के बाद पता चला की उनके फेफड़ों में 90 प्रतिशत इन्फेक्शन है। अस्पताल के डॉ गौरीश बताते है कि 11 तारीख को सांस लेने में दिक्कत के कारण रमाकांत को अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। जब उनका रिपोर्ट करवाया गया तो एचआरसीटी रिपोर्ट में उनके फेफड़ों में 85 से 90 प्रतिशत इन्फेक्शन दिखाई दिया।
सांस लेने में अधिक दिक्कत होने के कारण 15 दिन तो उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था। धीरे धीरे उनकी तबीयत सुधरने लगी, जिसके चलते उनके द्वारा धीरे-धीरे ऑक्सीज़न कि मात्रा कम कि जाने लगी। इसके बाद जनरल वोर्ड में भी उन्हें 26 दिन रखा गया। अंत में 27 मई को वह कोरोनामुक्त होकर अपने घर वापिस गए थे। रमाकांत के अलावा उनकी पुत्रवधू भी कोरोना संक्रमित हुई थी, जो की अब ठीक हो चुकी है।
अपनी इस अवस्था के बारे में बात करते हुये रमाकांत कहते है की अस्पताल में बिताए हुये 47 दिन वह कभी नहीं भूल सकते। खुद उन्हे भी आशा नहीं थी की वह कभी घर जा पाएंगे। पर अस्पताल के डॉक्टरों द्वारा किए गए इलाज के बाद वह ठीक होकर वापिस आए है।