सूरतः तौकते तूफान के कारण ओलपाड तालुका के नंधोई गांव में एक साथ गिरे 15 खंभे को युद्ध स्कर पर खड़ा किया गया

सूरतः तौकते तूफान के कारण ओलपाड तालुका के नंधोई गांव में एक साथ गिरे 15 खंभे को युद्ध स्कर पर खड़ा किया गया

डीजीवीसीएल कंपनी के कर्मचारियों और ग्रामीणों के संयुक्त प्रयास से चार गांवों में युद्धस्तर पर कुछ घंटों के भीतर बिजली पूर्ववत

.ओलपाड उपमंडल के 22 कर्मचारी निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए तीन दिन से रात दिन देखे बिना बिजली आपूति के लिए खड़े पांव काम कर रहे हैं।
हवा के झोंकों के साथ तटीय इलाकों में आए तौकते तूफ़ान ने कुछ हद तक कहर बरपाया है। सूरत जिले के ओलपाड के तटीय गांवों में तेज हवाओं के चलने से ओलपाड तालुका के ग्रामीण इलाकों में फसल, पेड़ और बिजली आपूर्ति प्रभावित हुई। नंधोई क्षेत्र में 17 मई को 15 बिजली के खंभे गिर जाने से नंधोई, भटगाम, असनाड, और कामरोली नाम के चार गांवों की बिजली आपूर्ति  बाधित हुई। दक्षिण गुजरात विज कंपनी ओलपाड स्थित उप अभियंता सीएच मोदी की टीम मौके पर पहुंची और ऑपरेशन शुरू किया, वहीं, भटगाम के युवाओं ने भी बिजली कंपनी से हाथ मिलाया और युद्ध स्तर  पर बिजली के खंभे खड़े कर दिए।
  उप अभियंता  चिराग मोदी ने जानकारी देते हुए बताया कि 17 मई को शाम 4 बजे बारिश और हवा के कारण 15 खंबे गिरे थे. युद्ध स्तर पर हमारी बिजली कंपनी के 22 कर्मचारियों और भटगाम के युवाओं की मदद से रात 8 बजे तक खंबे खड़े कर मध्य रात्रि तक चार गांवों के करीब 1100 बिजली कनेक्शन चालू कर दिए गए। उन्होंने आगे कहा कि ओलपाड अनुमंडल के 37 गांवों में 50 से अधिक खंभे गिर गए हैं। युद्ध के आधार पर बिजली आपूर्ति को नियमित करने के लिए डे.इंजीनियर, लायनमैन, हेल्पर सहित हमारी टीम के 22 कर्मचारी लगातार तीन दिन से दिन रात काम कर रहे हैं। 
        भटगाम के 31 वर्षीय युवक राहुल पटेल ने बताया कि  तूफान के कारण हमारे गांव की बिजली आपूर्ति बाधित हो गई थी। हमने पूरी रात काम कर बिजली कंपनी के कर्मचारियों और अपने गांव के ग्रामीणों के साथ चंद घंटों में बिजली आपूर्ति बहाल करने का काम किया है, जिसके लिए हम सभी ग्रामीण उनका धन्यवाद करते हैं। 
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