सूरत महानगर पालिका को एक और एसआरपी कंपनी आवंटित करने का राज्य सरकार का फैसला

मनपा के लिए और 100 जवान उपलब्ध होंगे

सूरत महानगर पालिका आवारा मवेशियों को पकडऩे की कार्यवाही की जाती है। लेकिन पुलिस बंदोबस्त के अभाव के कारण कई बार कार्यवाही नहीं हो पाती है। इतना ही नहीं कई बार पशुपालकों द्वारा मनपा कर्मियों पर हमला किए जाने की घटनाएं भी प्रकाश में आ चुकी है। राज्य सरकार ने हाल में एसआरपी के 50 जवानों को महानगरपालिका को आवंटित किया है और एक कंपनी आवंटित करने की राज्य सरकार ने मंजूरी दी है। अगले दिनों में एसआरपी को और 100 जवान बंदोबस्त के लिए सूरत महानगरपालिका को उपलब्ध होंगे।  
सूरत महानगरपालिका मूल एसआरपी के दो कंपनिया यानि 200 जवानों की मांग राज्य सरकार से  पिछले कुछ वर्षों से कर रही थी। लेकिन हर्ष संघवी के गृह मंत्री बनने के बाद कुछ ही दिनों में 50 जवानों को आवंटित किया गया था और अब सरकार द्वारा एक और कंपनी 100 एसआरपी आवंटित करने की मंजूरी दी गई। पर्याप्त संख्या में एसआरपी जवान उपलब्ध होने से अब भटकते मवेशी को पकडऩा, सार्वजनिक रास्ते का अतिक्रमण हटाना और संवेदनशील इलाके में अतिक्रमण की कार्यवाही के लिए मनपा को रूकना नहीं पड़ेगा और बंदोबस्त के लिए अब मनपा पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा।
राज्य सरकार ने सडक़ पर रहने वाले भिखारियों को भी शेल्टर होम में शिफ्ट करने का अभियान चलाया है। जिसके तहत मनपा द्वारा सक्रिय होकर कार्य शुरू है। इसमें भी एसआरपी टीम का उपयोग महापालिका कर सकेगी। सूरत शहर में पिछले कुछ समय से आवारा पशुओं की परेशानी बढ़ गई है। पशुपालक मवेशियों को सडक़ पर छोड़ देते हैं, जिससे दुर्घटनाओं का डर बना रहता है। सूरत महानगर पालिका ने आवारा पशुओं को पकडऩे के अभियान के दौरान मनपा कर्मी पर हमले की घटनाओं के बाद राज्य सरकार से 100 एसआरपी कर्मियों की मांग की थी। जिसके बाद सूरत महानगरपालिका को 50 कर्मियों की टीम आवंटित की गई है। 
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