खेल : गोल्डन बॉय नीरज ने एक बार फिर रचा इतिहास, डायमंड लीग जीतने वाले पहले भारतीय बने

खेल : गोल्डन बॉय नीरज ने एक बार फिर रचा इतिहास, डायमंड लीग जीतने वाले पहले भारतीय बने

ओलिंपिक में भारत के लिए स्वर्ण जीतने वाले नीरज चोपड़ा ने 89.08 मीटर के अपने पहले थ्रो के साथ लुसाने डायमंड लीग जीती है और ऐसा करने वाले वो पहले भारतीय बन गए

भारत के ‘गोल्डन बॉय’ और ओलंपिक चैंपियन भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा ने शुक्रवार को एक और ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल कर देश का नाम रोशन किया है। ओलिंपिक में भारत के लिए स्वर्ण जीतने वाले नीरज चोपड़ा ने 89.08 मीटर के अपने पहले थ्रो के साथ लुसाने डायमंड लीग जीती है और ऐसा करने वाले वो पहले भारतीय बन गए हैं। हाल ही में नीरज ने भारत को वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में रजत पदक दिलाया था। अंजू बॉबी जॉर्ज (2003) के बाद वह ऐसा करने वाले सिर्फ दूसरे एथलीट बने। फाइनल में नीरज ने 88.13 मीटर दूर तक भाला फेंका था और रजत पदक अपने नाम किया था।

डायमंड लीग फाइनल के लिए भी क्वालीफाई

आपको बता दें कि डायमंड लीग में नीरज के अलावा टोक्यो ओलंपिक के रजत पदक विजेता जैकब वाडलेज्च 85.88 मीटर के सर्वश्रेष्ठ थ्रो के साथ दूसरे स्थान पर रहे, जबकि यूएसए के कर्टिस थॉम्पसन 83.72 मीटर के सर्वश्रेष्ठ प्रयास के साथ तीसरे स्थान पर रहे। इससे पहले चोपड़ा ने 7 और 8 सितंबर को ज्यूरिख में डायमंड लीग फाइनल के लिए भी क्वालीफाई किया। वह ऐसा करने वाले पहले भारतीय भी बने। उन्होंने बुडापेस्ट, हंगरी में 2023 विश्व चैंपियनशिप के लिए भी 85.20 मीटर क्वालीफाइंग मार्क को तोड़कर क्वालीफाई किया।

डायमंड लीग जीतने वाले पहले भारतीय

हरियाणा में पानीपत के पास खंडरा गांव का रहने वाले नीरज चोपड़ा डायमंड लीग का ताज जीतने वाले पहले भारतीय बन गए हैं। वहीं चोपड़ा से पहले, डिस्कस थ्रोअर विकास गौड़ा डायमंड लीग मीटिंग में शीर्ष तीन में रहने वाले एकमात्र भारतीय हैं। गौड़ा दो बार 2012 में न्यूयॉर्क में और 2014 में दोहा में दूसरे और 2015 में शंघाई और यूजीन दो मौकों पर तीसरे स्थान पर रहे थे।

कॉमनवेल्थ गेम्स में नहीं हुए थे शामिल

गौरतलब है कि वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में चोटिल होने के बाद नीरज चोपड़ा कॉमनवेल्थ गेम्स में हिस्सा नहीं ले पाए थे। 2018 कॉमनवेल्थ गेम्स में देश को स्वर्ण पदक दिलाने वाले नीरज से देश को बहुत उम्मीद थी पर नीरज चोट की वजह से 2022 में भाग नहीं ले पाए थे।