महत्वपूर्ण नीतिगत बदलाव; अब ट्रैक्टर सहित ये वाहन भी CNG से चल सकेंगे!

महत्वपूर्ण नीतिगत बदलाव; अब ट्रैक्टर सहित ये वाहन भी CNG से चल सकेंगे!

प्रदूषण कम करने के साथ-साथ बढ़ सकेगी किसानों की आय, 50 प्रतिशत जितना कम होता है कार्बन का उत्सर्जन

पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए और लोगों की आय में इजाफा हो सके इस हेतु से मार्ग परिवहन तथा राजमार्ग मंत्रालय ने सेंट्रल मोटर व्हिकल रूल्स 1989 में कुछ संशोधन किए है। जिसके तहत अब ट्रेकटर और हार्वेस्टर जैसे वहाँ भी सीएनजी की मदद से चलाये जा सकेंगे। जिसके चलते किसानों के पैसे बचेंगे और साथ ही प्रदूषण का स्तर भी कम होगा। नए नियमों के अंतर्गत कृषि उपकरण और वाहनों के इंजिन में बदलाव किए जा सकेंगे। जिसमें गुंजाइश होगी उसमें सुधार किया जाएंगा। सबकी अधिक जून इंजिन को रिप्लेस किया जा सकेगा। जिसके चलते उन्हें सीएनजी, बायो सीएनजी तथा एलएनजी से भी चलाया जा सकेगा। 
(Photo : IANS)

बता दे की सेंट्रल मोटर व्हिकल रूल्स में बदलाव पर भार देते हुये इस साल केन्द्रीय मार्ग परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने फरवरी में देश का पहला सीएनजी ट्रेक्टर लॉंच किया था। उन्होंने दावा किया की ट्रेकटर से पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाया जा सकेगा और साथ ही किसानों का खर्च कम किया जा सकेगा। सुरक्षा की दृष्टि से भी सीएनजी ट्रेक्टर अधिक सलामत है। सीएनजी ट्रेकटर में सीएनजी टेंक पर सील लगाया जाता है। जिससे की उसमें फ्यूयल भरते समय ब्लास्ट होने की संभावना कम होती है। 
सरकार द्वारा किए गए दावों के अनुसार सीएनजी ट्रेक्टर के इस्तेमाल से एक साल में डेढ़ लाख रुपए की बचत की जा सकती है। फिलहाल चल रहे डीजल ट्रेक्टर पर सालाना 3 से 3.5 लाख रुपए जितना खर्च आता है। इसके अलावा डीजल के मुक़ाबले सीएनजी ट्रेक्टर कार्बन उत्सर्जन भी कम करते है। जानकारों के मुताबिक सीएनजी कृषि वाहनों के इस्तेमाल से 50 प्रतिशत जितना कार्बन उत्सर्जन कम किया जा सकता है।