कोरोना का साया; देखभाल करने वाला कोई नहीं तो ये आशा वर्कर बच्चों को साथ में रखकर करती हैं ड्युटी

कोरोना का साया; देखभाल करने वाला कोई नहीं तो ये आशा वर्कर बच्चों को साथ में रखकर करती हैं ड्युटी

घर पर नहीं है कोई देखभाल करने वाला तो मजबूरन साथ में ले जाना पड़ता है

वडोदरा में कोरोना के केस में लगातार इजाफा हो रहा है। जिसके चलते निगम द्वारा संजीवनी अभियान की शुरुआत की गई है। जहां एक आशा वर्कर अपने दो संतानों को साथ लेकर अपना फर्ज अदा कर रही है। छोटे बच्चों को साथ में रखकर काम करने वाली महिला को संतानों के लिए डर तो काफी लगता है, पर घर पर दोनों को संभालने वाला कोई ना होने से मजबूरन उन्हें ऐसा करना पड़ रहा है। 
जी न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, वडोदरा नगर निगम ने होम आइसोलेट हुये पॉज़िटिव मरीजों की देखभाल करने के लिए संजीवनी अभियान शुरू किया है। जहां शहर के चार जॉन में मिलकर 216 टीम बनाई गई है। जो कोरोना पॉज़िटिव मरीजों के घर-घर जाकर 10 दिन तक उनकी जांच करती है। कुछ ऐसा ही काम शियाबाग अर्बन हेल्थ सेंटर पर काम करने वाली भावना कोलविन भी कर रही है। 8 महीने पहले भावना पालिका द्वारा कांट्रैक्ट पर आशावर्कर की नौकरी पर लगे थे। जिन्हें भी संजीवनी अभियान की टीम का हिस्सा बनाया गया है। जहां वह अपनी 2 और 6 साल की बेटियों को साथ में लेकर जाती है। 
इस बारे मेँ बात करते हुये भावना कहती है की बच्चों को साथ मेँ रखकर पॉज़िटिव मरीजों को लेकर जाने मेँ काफी डर लगता है। पर घर पर उनकी देखभाल करने वाला कोई भी नहीं है। दोनों बेटियों को कोरोना हो जाने का डर लगातार बना रहता है। पर भगवान पर भरोसा कर के वह काम करते जाते है। किसी भी मरीज के पास से आने के बाद पहले तो वह अपने हाथ सैनीटाइज़ करती है, इसके बाद ही वह अपने लड़कियों को हाथ लगाती है। भावना कहती है कि इतना जोखिम भरा काम करने के बावजूद उनका पगार काफी कम है। यदि सरकार द्वारा पगार बढ़े तो लोगों को भी अधिक प्रोत्साहन मिलेगा।