दस महीने बाद खुला विद्यालय, छात्र रहे नदारद तो शिक्षक ने किया ये काम

दस महीने बाद खुला विद्यालय, छात्र रहे नदारद तो शिक्षक ने किया ये काम

स्कूल के प्रांगण में बने मंच पर किया विशाल साँप सीढ़ी और लूडो की गेम का निर्माण

कोरोना महामारी से बचने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के दौरान देशभर के स्कूल और कॉलेज बंद थे। हालांकि लगभग 10 महीनों के विराम के बाद अब स्कूल और कॉलेज फिर से धीरे धीरे खुल रहे हैं। बच्चों के स्कूल वापस आने में कठिनाई होना स्वाभाविक है क्योंकि वे 10 महीने से घर पर हैं। जमशेदपुर से लगभग 50 किलोमीटर दूर टांगराइन स्कूल में जब शिक्षक ने देखा कि बच्चों की स्कूल आने की आदत छुट चुकी है, तो उन्होंने एक अनोखा काम किया।
प्रिंसिपल ने खोजा अनोखा तरीका
बच्चों की नदारदगी को देखते हुए ससुराल के प्रिंसिपल एक नया समाधान लेकर आए, ताकि बच्चे स्कूल वापस आ सकें। उन्होंने स्कूल परिसर में बने मंच पर एक बड़े साँप-सीढ़ी और लूडो का निर्माण किया। अब ये बच्चों के बीच आकर्षण का केंद्र बन चुका हैं। ये लूडो और सांप-सीढ़ी इतनी बड़ी हैं कि बच्चे इन पर खड़े होकर खेलते और मस्ती करते हैं।
कुछ इस तरह से चलता है ये लूडो का खेल
इस तरह से अब छात्रों को गणित पढ़ाना भी उनके लिए स्कूल आने का मज़ा देता है। इस लूडो की मजेदार बात यह है कि इस लूडो के अंकों अंदर अलग-अलग नंबरों पर अलग-अलग प्रक्रिया लिखी होती है। उस नंबर पर आने वाले छात्रों को वह काम करना होता है। जैसे कि मुस्कान, कविता पाठ करना, अपने बारे में बताना, अपने गाँव के बारे में बताना, नृत्य आदि। इस काम से बच्चे खेलना भी सीख रहे हैं।
धीरे धीरे आने लगे बच्चे
गौरतलब है कि 1 मार्च को जब स्कूल खुला, तो पहले दिन केवल चार बच्चे आए, जबकि स्कूल में कुल छात्रों की संख्या 180 है। लेकिन स्कूल के प्रांगण में बने विशाल साप सीडी की खबर के बाद से धीरे-धीरे स्कूल आने वाले बच्चों की संख्या में वृद्धि होने लगी।
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