सौराष्ट्र विश्वविद्यालय ने छात्रों के हित में लिया बड़ा फैसला, अब से परीक्षा में फेल होने वाले बच्चों का साल नहीं बिगड़ेगा

सौराष्ट्र विश्वविद्यालय ने छात्रों के हित में लिया बड़ा फैसला, अब से परीक्षा में फेल होने वाले बच्चों का साल नहीं बिगड़ेगा

अब से हर सेमेस्टर की परीक्षाएं साल में दो बार कराई जाएंगी। यानी अगर कोई छात्र फेल होता है तो 6 महीने के अंदर उसकी परीक्षा ली जाएगी। यानी उन्हें पूरे साल इंतजार नहीं करना पड़ेगा

राजकोट के सौराष्ट्र विश्वविद्यालय द्वारा छात्रों के हित में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है। सौराष्ट्र यूनिवर्सिटी ने परीक्षा में फेल होने वाले छात्रों के लिए एक अहम फैसला लिया है। फेल होने वाले छात्र अब 6 महीने के भीतर परीक्षा दे सकेंगे। सौराष्ट्र विश्वविद्यालय ने छात्रों के हित में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया ताकि परीक्षा में अनुत्तीर्ण छात्रों का वर्ष खराब न हो। ज्ञात हो कि कल सौराष्ट्र विश्वविद्यालय में कुलाधिपति की अध्यक्षता में प्राचार्यों की बैठक हुई थी। जिसमें तीन अहम फैसले लिए गए। बैठक में कुलाधिपति ने कहा, ''अब से हर सेमेस्टर की परीक्षाएं साल में दो बार कराई जाएंगी। यानी अगर कोई छात्र फेल होता है तो 6 महीने के अंदर उसकी परीक्षा ली जाएगी। यानी उन्हें पूरे साल इंतजार नहीं करना पड़ेगा।'
इसके साथ ही 'आजादी का अमृत महोत्सव' के तहत सभी छात्रों को नि:शुल्क प्रोविजनल डिग्री सर्टिफिकेट देने का निर्णय लिया गया है। जिसके पहले 150 रुपए फीस ली जाती थी। कक्षा चूंकि 12वीं का परिणाम घोषित होने के बाद कॉलेजों में दाखिले की प्रक्रिया चल रही है, ऐसे में नए सेमेस्टर के शुरू होने से पहले सौराष्ट्र विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ गिरीश भिमानी ने कल कॉलेज के प्राचार्यों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई।
इस बैठक में कुछ अहम फैसलों की घोषणा की गई। जिसमें यह कहा जा सकता है कि डिग्री तभी प्राप्त हुई थी जब स्नातक समारोह पहले आयोजित किया गया था। नतीजतन, विश्वविद्यालय में नौकरी पाने के लिए लगभग 5000 छात्रों को अनंतिम डिग्री प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए 150 रुपये का शुल्क देना पड़ा। लेकिन अब कुलाधिपति ने सभी छात्रों को प्रोविजनल डिग्री सर्टिफिकेट फ्री में देने का फैसला किया है।
इसके अलावा अब से आगे की सभी परीक्षाएं तीन सत्रों में यानी सेमेस्टर 1 सुबह, सेमेस्टर 3 दोपहर और सेमेस्टर 5 शाम को आयोजित की जाएंगी। इसी के साथ तीसरे अहम फैसले की घोषणा की गई है कि अगर छात्र किसी विषय में फेल हो गए हैं तो उन्हें एक साल इंतजार नहीं करना पड़ेगा और हर परीक्षा साल में दो बार देने का फैसला किया गया है ताकि पूरा साल खराब न हो। ।
उल्लेखनीय है कि इसके साथ ही विश्वविद्यालय द्वारा सेमेस्टर वाइज छात्रों की फीस के साथ-साथ परीक्षा फार्म की फीस भी लेने का निर्णय लिया गया है। इससे छात्रों को लाभ होगा क्योंकि कुछ छात्रों को परीक्षा की तारीख से 15 दिन पहले घोषित किया गया था, उन्हें देर से परीक्षा फॉर्म में विलंब शुल्क का भुगतान करना होगा। अब से लेट फीस का कोई सवाल ही नहीं होगा। छात्रों को कॉलेज के माध्यम से ही समय पर फॉर्म भरना होगा।