राजकोट : अस्पताल ने जिस महिला को मृत बताया उन्होंने तीन घंटे बाद परिजनों से फोन पर बात की!

राजकोट : अस्पताल ने जिस महिला को मृत बताया उन्होंने तीन घंटे बाद परिजनों से फोन पर बात की!

एक समान नाम के चलते दूसरे परिवार को कर दिया फोन, परिवार ने की पुलिस में शिकायत

गुजरात में बढ़ रहे कोरोना के काल में मरीजों की गलत पहचान बता कर जीवित इंसान को मृत बताना मानो जैसे एकदम सामान्य हो गया है। राजकोट में हुये एक केस में सिविल अस्पताल में एक बुजुर्ग महिला की मौत होने के समाचार उसके परिवार को दे दिये, हालांकि कुछ समय बाद उसी महिला ने अपने परिवार को फोन किया था, जिसके चलते पूरा परिवार स्तब्ध हो गया था।
विस्तृत जानकारी के अनुसार, राजकोट के जकातनाका के पास जमना पार्क में रहने वाले रतिभाई की माता राजीबेन को अस्पताल में दाखिल करवाया गया था। अस्पताल में दाखिल करने के दूसरे दिन ही रतिभाई के घर पर फोन आया की आपकी माता का देहांत हो गया है, तो आप आकर बॉडी ले जाए। यह सुनकर पूरे परिवार में गम का माहौल छा गया। सभी को इस बात का आश्चर्य था की माजी को कोई खास तकलीफ तो थी नहीं तो उनकी मौत कैसे हो गई। हालांकि डॉक्टरों की बात के अनुसार अपने परिवार के अन्य सदस्यों को अंतिमक्रिया के लिए बुला लिया था। 
हालांकि अस्पताल पहुँचने के बाद उनको एक और झटका लगा था। पहले तो एक घंटे तक राह देखने के बाद जब परिवार को लाश देखने के लिए बुलाया गया तो प्लास्टिक के अंदर किसी अन्य की लाश थी। जिसके चलते परिवार ने इस बारे में जांच करने कहा। इस दौरान अस्पताल के स्टाफ ने उन्हें डेथ सर्टिफिकेट भी दे दिया था। हालांकि इन सबके बाद अस्पताल के स्टाफ को अपनी भूल समज आई थी और वीडियो कॉल के माध्यम से परिवार की माता के साथ बात करवाई थी। 
पूरे घटनाक्रम के बाद परिवार ने पुलिस कंट्रोल रूम में घटना की जानकारी दी थी। सिविल सुप्रीडेंटेट डॉ. आर एस त्रिवेदी ने स्टाफ का बचाव करते हुए कहा की नाम की समानता के कारण यह भूल हो गई थी। जिसकी वजह से गलत जगह फोन लग गया था। 
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