राजकोट : नाबालिक बच्ची का अपहरण कर उसके साथ दुष्कर्म करने वाले आरोपी को आजीवन कारावास की सजा

राजकोट : नाबालिक बच्ची का अपहरण कर उसके साथ दुष्कर्म करने वाले आरोपी को आजीवन कारावास की सजा

मामले में आईपीसी की धारा 376 और पॉक्सो अधिनियम की धारा 4, 6 के तहत दोषी को आजीवन कारावास

पोक्सो कोर्ट के न्यायाधीश जेडी सुथार ने नाबालिक लड़की का अपहरण और बलात्कार करने वाले कोठारिया सॉल्वेंट क्षेत्र के चंद्रेश उर्फ लालो भीखा डोडिया के खिलाफ दर्ज मामले में आईपीसी की धारा 376 और पॉक्सो अधिनियम की धारा 4, 6 के तहत दोषी ठहराते हुए उम्रकैद (कठोर कारावास) की सजा सुनाई।

क्या है मामला?


मामले के बारे में बता दें कि कोठारिया सालवेंट क्षेत्र में रहने वाले आरोपी चंद्रेश उर्फ लाला की पड़ोस में रहने वाली सातवीं कक्षा की छात्रा से दोस्ती हो गई। तरुणी जब गरबा अभ्यास के लिए जा रही थी तो आरोपी चंद्रेश ने तरुणी को छेड़ना शुरू कर दिया। इस दौरान जब बच्ची के माँ ने ये सब देखा तो चंद्रेश उर्फ लाला को डांटा और धमकाया। तब चंद्रेश शरमाने के बजाय चिल्लाने लगा कि जूनागढ़ मेरे बाप का है और अगर मैं भाग गया तो कोई मुझे ढूंढ नहीं पाएगा। इस निहित धमकी के अगले दिन, चंद्रेश ने तरुणी को उसके घर से लेकर भगा गया।

एक महीने बाद आया पकड़ में


इस घटना के एक महीने बाद पुलिस ने तरुणी और चंद्राश को ढूंढ निकाला। इस दौरान किशोरी से पूछताछ में उसने बताया कि आरोपी ने उसके साथ जबरदस्ती सात से आठ बार दुष्कर्म किया। लिहाजा पुलिस ने दोनों का मेडिकल परीक्षण कराकर चंद्रेश को गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने आरोपी चंद्रेश के खिलाफ विशेष अदालत में आरोप पत्र पेश किया। जिसके बाद सरकार की ओर से पेश जिला लोक अभियोजक एसके वोरा ने कहा है कि अभियुक्तों के बचाव और अभियोजन मामले में सभी विसंगतियां तुच्छ और अप्रासंगिक हैं।

पुलिस जाँच में साबित हुआ अपराध


पुलिस जांच के दौरान पीड़िता की मेडिकल जांच में आरोपी के वीर्य का पता चला। तब अभियोजन पक्ष का पूरा मामला चिकित्सीय साक्ष्य से सिद्ध होता है। इसके अलावा नाबालिगों के शारीरिक शोषण को रोकने के लिए विशेष कानून बनाए गए हैं। इस बातों को ध्यान में रखते हुए कोर्ट ने आरोपी को दोषी ठहराते हुए सजा का आदेश पारित किया है।
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