राजकोट : पीडीयू मेडिकल कॉलेज में कोविड-19 के रोगियों के शवों के परीक्षण से जानिए क्या तथ्य सामने आए

राजकोट : पीडीयू मेडिकल कॉलेज में कोविड-19 के रोगियों के शवों के परीक्षण से जानिए क्या तथ्य सामने आए

कोरोनावायरस फिलहाल तो नेपथ्य में है। इधर-उधर कुछ नए मामले दिखने लगे हैं लेकिन उम्मीद कर सकते हैं कि कोविड-19 का कोई नया चरण सामने ना आए। खैर, आज बात करनी है विगत महीनों में कोविड-19 संकट के दौरान गुजरात के राजकोट के एक मेडिकल कॉलेज में कोविड-19 के शवों पर की गई रिसर्च के बारे में।
राजकोट स्थित पीडीयू राजकीय मेडिकल कॉलेज में कोविड-19 मरीजों के शवों के परीक्षण के बाद आए नतीजों को विगत 8 अप्रैल को इंडियन जर्नल ऑफ़ मेडिकल रिसर्च में प्रकाशित किया गया है। शोधकर्ताओं ने इस रिसर्च के लिये मरीजों के शवों की एटोप्सी को आधार बनाया है। इस बारे में राजकोट मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर हेतल क्यादा ने मीडिया को बताया है कि यह गुजरात का अपनी तरह का पहला अध्ययन है जिसमें कुल 33 रोगियों के शवों पर रिसर्च की गई थी। कुल मिलाकर यह पाया गया है कि एक सप्ताह से अधिक समय तक जिन मरीजों में कोरोनावायरस का संक्रमण रहा, उनकी किडनी में गहरी चोट, सांस का इन्फेक्शन और धमनियों में रक्त के थक्के दिखाई दिए।
यह रिसर्च कुल 33 कोविड-19 मरीजों के शवों पर की गई थी जिनमें 28 पुरुष और 5 महिलाएं थी। इन मरीजों की औसत आयु 61 साल थी। यह वह मरीज थे जो कम से कम एक सप्ताह तक कोरोनावायरस से ग्रस्त रहे थे। 33 मरीजों को उनके चिकित्सा काल के दौरान ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया था और उनमें से कुछ को वेंटीलेटर पर भी ले जाना पड़ा था। इस प्रकार के अध्ययन दुनिया भर में किये गये हैं और इन्हीं के आधार पर चिकित्सा विशेषज्ञ इलाज के तौर-तरीके ढूंढते हैं।