राजकोट : ‌दिव्यांगजनों को कितने प्रकार की मिल रही हैं सरकारी योजनाएं, जानें

राजकोट :  ‌दिव्यांगजनों को कितने प्रकार की मिल रही हैं सरकारी योजनाएं, जानें

जिले के 19 हजार से अधिक दिव्यांगों को दिये गये रु 1.5 करोड़ से अधिक के उपकरण

युनिक दिव्यांगता कार्ड जारी करने वाला राजकोट गुजरात में प्रथम
3 दिसंबर को "अंतर्राष्ट्रीय विकलांग दिवस" ​​के रूप में मनाया जाता है। दिव्यांग जन भी समाज का एक हिस्सा हैं। उनके प्रति समानता, समभाव और उनके प्रति अधिकारों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए विकलांग दिवस मनाया जाता है। जिसका इस वर्ष का थीम है  "कोविड-19 के बाद सर्वसमावेशक, सुलभ एवं सुचारु विश्व की ओर दिव्यांग व्यक्तियों का नेतृत्व एवं सहभागित " केन्द्र एवं राज्य सरकरा द्वारा दिव्यांगजनों   को आर्थिक, सामाजिक, शैक्षिक और मानसिक सशक्तिकरण प्रदान करने के लिए कई योजनाएं लागू की गई हैं। राजकोट जिले में 21 प्रकार के दिव्यांगों के लिए लगभग 19 हजार  दिव्यांग व्यक्तियों का पंजीकरण किया गया है। उनके लिए रु. 1.57 करोड़ की विभिन्न सहायक सहायता प्रदान की गई है।
सामाज सुरक्षा अधिकारी गोस्वामी के अनुसार इस वर्ष राजकोट जिले में 1,119 लोगों को एसटी बस पास दिया गया है। इससे दिव्यांग पूरे गुजरात में मुफ्त में यात्रा कर सकते हैं। केंद्र सरकार द्वारा इंदिरा गांधी राष्ट्रीय दिव्यांग पेंशन योजना के तहत, दिव्यांग बीपीएल कार्ड धारक हो और 80% दिव्यांग वाले कार्ड धारकों को रु. 600 प्रति माह पेंशन दी जाती है। जिसके अनुसार राजकोट जिला में 854 जितने दिव्यांगजनों को रु. 30,58,800 सहायता राशि का भुगतान कर दिया गया है। संत सूरदास योजना के तहत 930 लाभार्थियों को रु. 40,82,400 सहायता का भुगतान किया गया है। दिव्यांग छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है। जिसमें 442 छात्रों को 5,06500 रुपये की छात्रवृत्ति दी गई। 
दिव्यांगजनों के विवाह के अवसर पर रु. 50 हजार की सहायता राशि दी जाती है। राजकोट जिले में 42 दिव्यांगों को रु. 20 लाख की सहायता प्रदान की गई है। दिव्यांगजनों में ऑटिज्म, सेरेब्रल पॉलिसी और रु. 1 लाख तक का बीमा लिया जाता है। निरामया स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत 213 बालकों का रु. 53,500 रुपये की लागत से बीमा लिया गया है। अगर कोई दिव्यांग व्यक्ति इलेक्ट्रिक बाइक खरीदता है तो सरकार की ओर से उसे रु. 25 हजार की सब्सिडी दी जाती है। जिसमें इस वर्ष 34 दिव्यांगजनों को इस योजना का लाभ मिला है। मानसिक रूप से दिव्यांग बच्चों के लिए प्रति माह रु. 1000 पेंशन दी जाती है। राजकोट जिले में 1437 बच्चों को 60,1800 रुपये दिए गए। विभिन्न योजनाओं के लाभ की जानकारी मेहुल कुमार गोस्वामी ने दी है। 
केंद्र सरकार ने दिव्यांगों को यूनिक आईडी कार्ड जारी करने का अभियान शुरू किया है। आधार कार्ड की तरह यह कार्ड देश भर में विभिन्न योजनाओं के लिए उपयोगी होगा। अधिकारी ने बताया कि राजकोट कार्यालय को अब तक पूरे गुजरात में 16344 कार्ड के साथ राजकोट जिले में सबसे ज्यादा कार्ड जारी करने का सम्मान मिला है।
दिव्यांगजनों को उनकी आई.डी. कार्यालय में बस पास की व्यवस्था इस तरह से की गई है कि यह आसानी से उपलब्ध हो सके। उन्हें यह कार्ड सिर्फ एक दिन में जारी किया जाता है।
इस कार्ड को प्राप्त करने के लिए दिव्यांगजनों को सिविल अस्पताल से अपने दिव्यांगता का प्रमाणपत्र प्राप्त करना जरुरी है।  राज्य के साथ-साथ केंद्र सरकार दिव्यांगजनों को मासिक पेंशन, स्वास्थ्य के साथ-साथ शैक्षिक सहायता और उपकरण उपलब्ध करा रही है ताकि वे भी किसी भी मामले में आम आदमी से पीछे न रहें।
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