राजकोट : शादी संपन्न होने के बाद नव-दंपत्ति को श्मशान में ठहराया गया!

राजकोट : शादी संपन्न होने के बाद नव-दंपत्ति को श्मशान में ठहराया गया!

लोगों में अंधविश्वास को दूर करने के लिये सतत प्रयासरत संस्था विज्ञान जाथा का सराहनीय प्रयास

आज के विज्ञान और प्रौद्योगिकी के युग में भी कुछ लोग अभी भी अंधविश्वास में रचे-बसे रहते हैं। वैज्ञानिक और अन्य विज्ञानतज्ञ लोगों को अंधविश्वास से बाहर निकालने के लिए सतत प्रयास करते रहते हैं। कुछ लोग लोगों को जागरूक करने और उनके मन से अंधविश्वास दूर करने के लिय हर साल काली चौदस के दिन विभिन्न कब्रिस्तानों और श्मशानों में जाकर कार्यक्रम करते हैं। ऐसे समय में लोगों में जागरुकता लाने के लिए एक और अनूठा प्रयास किया गया।

शादी प्रसंग में आये मेहमानों को श्मशान में ठहराया गया

दरअसल एक जोड़े की शादी के बाद आराम करने के लिए ऐसी जगह पसंद की गई जहाँ के बारे में लोग सोचना भी सही नहीं मानते। इस दंपति को श्मशान में रखा गया था। इसके साथ साथ इस नव वर-वधू के लिए डीजे का भी इंतजाम किया गया था।

बाराती आश्चर्यचकित रह गये

जानकारी के अनुसार, रामोद में रहने वाले राठौड़ परिवार के बेटे की शादी गोंडल तालुका के मोविया गांव में रहने वाले सुरेशभाई की बेटी से होनी थी। सुरेशभाई की बेटी से शादी करने के बाद राठौड़ परिवार अपने बेटे के साथ रामोद गांव लौट आया। लेकिन जब बारात वापस आई तो एक अलग तरह का नज़ारा दिखाई दिया।

इस बारात में शामिल हुए लोग भूत और पिच्छों के रूप में दिखाई दे रहे थे। फिर ये बारात श्मशान पहुंची और नवजोड़े को आराम करने के लिए श्मशान में लाया गया। उत्तर के साथ विज्ञान जत्था द्वारा श्मशान में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था। लोगों में जागरूकता लाने के लिए इस नए प्रयोग में दूल्हा और दुल्हन को श्मशान में ले जाया गया। इसके साथ ही आने वाले दिनों में दूल्हा और दुल्हन के लिए एक और कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा और इनकी सुहागरात की रश्म भी श्मशान में ही होगी।

शादी से पहले घर में हुई दुःखांतिका की रस्में भी अदा हुईं

राठौर परिवार द्वारा आयोजित शादी समारोह में एक और बड़ी बात ये रही कि राठौर परिवार के बेटे की शादी के समय ही दादी की मृत्यु हो गई थी। फिर भी परिवार के सदस्यों ने शादी के साथ साथ दादी के अंतिम संस्कार किया और सभी संस्कार संपन्न होने के बाद शादी की रश्में निभाई गई।

अंधविश्वास से लोगों को बाहर निकालने सक्रिय है विज्ञान जाथा नामक संस्था

आपको बता दें कि लोगों के मन से अंधविश्वास को दूर करने के लिए यह नया प्रयोग किया गया था। महत्वपूर्ण रूप से, विज्ञान जाथा की जयंत पांड्या राज्य में विभिन्न स्थानों पर भगवान के नाम पर ढोंग करके लोगों से पैसे निकालने वाले घोटालेबाजों को बेनकाब करते रहते है। हालांकि इसके बाद उनके हाथों में एक पम्फलेट रखकर माफी मांगते है।

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