राजकोट : ट्राफिक मेमो भरने के लिए व्यक्ति ने मांगी अपनी किडनी बेचने की अनुमति

राजकोट : ट्राफिक मेमो भरने के लिए व्यक्ति ने मांगी अपनी किडनी बेचने की अनुमति

आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण नहीं भर पा रहे है बच्चों की फीस, पुलिस कमिश्नर को पत्र लिखकर मांगी किडनी बेचने की अनुमति

पिछले कई समय से गुजरात में हर स्थान पर ट्राफिक के नियमों का भंग करने वाले लोगों पर पुलिस ने तीसरी आँख से नजर गड़ाए रखी है। सीसीटीवी कैमरों की सहायता से पुलिस नियम का भंग करने वाले हर चालक के खिलाफ ई-मेमो भेज रही है। ई-मेमो भेज कर पुलिस आसानी से ट्राफिक दंड का भुगतान हासिल कर पा रही है। हालांकि राजकोट में एक व्यक्ति ने ई-मेमो भरने के लिए असमर्थता दिखाते हुये, ट्राफिक दंड भरने के लिए अपनी व्यक्ति ने किडनी बेचने की अनुमति मांगी है। 
परेश राठौड़ नाम के व्यक्ति ने पुलिस कमिश्नर को अनुमति देते हुये कहा कि साल 2018 में ट्राफिक मेमो के 5800 रुपए बाकी थे। पर उनकी आर्थिक परिस्थिति काफी कमजोर है। इसलिए वह मेमो भरने के लिए किडनी बेचने के लिए मजबूर है। इसलिए उन्होंने पुलिस कमिश्नर को पत्र लिखा है। परेश ने कहा कि उनकी आर्थिक स्थिति काफी कमजोर है। वह अपनी संतान कि फीस भरने में भी असमर्थ है। ऐसे में किडनी बेचने को मजबूर हो चुके है।
अपनी चार पन्नों की आवेदन में परेश ने उल्लेख किया है की पुलिस की कार्यवाही में काफी भेदभाव है। जब कुछ दिन पहले उन्हें एक बैंक में 50 हजार रुपए के कारण कुछ दिक्कत हुई थी तो पुलिस द्वारा उनके साथ असभ्य वर्तन कर उन्हें झूठे केस में फंसा देने की चेतावनी दी थी। 
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