राजस्थान : उत्तर प्रदेश से मादा हाथी की तस्करी करने वाले गिरफ्तार दो आरोपियों को मिली जमानत

राजस्थान : उत्तर प्रदेश से मादा हाथी की तस्करी करने वाले गिरफ्तार दो आरोपियों को मिली जमानत

बीमार हथिनी रूपा देखरेख के लिए वन विभाग के पास नवंबर से लेकर अब तक हथिनी के खाने पीने पर दो लाख रुपए खर्च हो चुके हैं

अदालत ने उत्तर प्रदेश से मादा हाथी की तस्करी करने वाले गिरफ्तार दो लोगों को जमानत पर रिहा कर दिया। वहीं मादा हाथी या हथिनी रूपा देखरेख के लिए वन विभाग को ही सौंपा था। अब हथिनी रूपा बीमार है और उसके शरीर पर जगह-जगह घाव हो गए हैं।
आपको बता दें कि 18 नवंबर को अपने मुखबिर से मिली सूचना के आधार पर डूंगरपुर सीमलवाड़ा के क्षेत्रीय वन अधिकारी हरीशचंद्र बायड़ी ने बांसिया के पास एक हथिनी के साथ दो महावतों को गिरफ्तार किया था। टीम के सदस्यों ने महावतों से पूछताछ की तो हाथी को विचरण कराने संबंधित अनुज्ञा पत्र व सक्षम अधिकारी की स्वीकृति और किसी प्रकार वैद्य दस्तावेज उनके पास नहीं था। इसके बाद वन विभाग के अधिकारियों ने समस्तीपुर बिहार निवासी मुकट पुत्र भगवान सिंह व फूल सिंह पुत्र मिश्री यादव को वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 के अनुसार धारा 39, 40, 44, 48ए, 49ए व 51 के अंतर्गत मामला दर्जकर गिरफ्तार कर लिया। दोनों आरोपियों को डूंगरपुर अदालत में पेश किया गया, जहां से दोनों आरोपियों को को जेल भेज दिया था।
आपको बता दें कि किसी भी पालतू हाथी का रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी होता है। इनकी एक चिप होती है जिसमें इनकी पूरी जानकारी होती है। जाँच में मालूम हुआ कि इस रूपा पर भी एक चिप मिली है पर वो किसी और हाथी की है और चिप जिस हाथी की है, उसकी मौत हो चुकी है। महावतों से प्राप्त दस्तावेजों के मुताबिक एक हाथी हमीरपुर के एक शख्स के नाम पर रजिस्टर्ड है और उसके उत्तर प्रदेश में ही विचरण करने की अनुमति है। महावत हथिनी को लेकर मध्यप्रदेश होते हुए डूंगरपुर तक पहुंच गए। यही वजह है के इनके खिलाफ केस दर्ज किया गया।
दूसरी और गर्मी और पर्याप्त भोजन नहीं मिलने के कारण हथिनी बीमार हो गई है। हथिनी को घूमाने की भी जगह नहीं है। सिर्फ नर्सरी में ही घूम पाती है। पथरीली जमीन होने से उसके पीठ में घाव हो गए हैं। फिलहाल इस हथिनी की देखरेख के लिए जयपुर से एक महावत विनोद नाथ को रखा गया है। एक्सपर्ट बताते हैं कि हाथी के बेहतर स्वास्थ्य के लिए 15 किमी चलना और रूटीन चेकअप अनिवार्य है। नवंबर से लेकर अब तक हथिनी के खाने पीने पर दो लाख रुपए खर्च हो चुके हैं।