दुनिया के 100 सबसे अमीर लोगों में शामिल हुये राधाकृष्ण दामानी, जानें उनकी सफलता की कहानी

दुनिया के 100 सबसे अमीर लोगों में शामिल हुये राधाकृष्ण दामानी, जानें उनकी सफलता की कहानी

कुछ ही समय पहले मुंबई के पालबारा इलाके में 1001 करोड़ का मकान लेकर चर्चा में आए थे राधाकृष्ण दामानी

किसी भी घरेलू उपकरण को कम कीमत पर खरीदने की बात आती है तो डी मार्ट ज्यादातर लोगों की पहली पसंद है। साल 2002 में मुंबई के पवई इलाके में हुई डी-मार्ट के आज देशभर में आज 238 स्टोर हैं। रिटेल कंपनी डी मार्ट के फाउंडर राधाकृष्ण दामानी अब दुनिया के 100 सबसे अमीर लोगों की लिस्ट में शामिल हो गए हैं। कंपनी की अपार सफलता और के कारण राधाकृष्ण ब्लूमबर्ग के बिलियनेयर इंडेक्स के अनुसार, अब 1.42 लाख करोड़ रुपये की संपत्ति के साथ 98वें स्थान पर है। 
सबसे अमीर लोगों की इस सूची में रिलायंस के मालिक मुकेश अंबानी, अदानी समूह के गौतम अदानी, विप्रो के संस्थापक अजीम प्रेमजी, शापूरजी समूह के पल्लोनजी मिस्त्री, एचसीएल टेक्नोलॉजी के शिव नादर और आर्सेलर मित्तल समूह के लक्ष्मी मित्तल भी शामिल हैं। शेयर बाजार के बिग बुल राकेश झुनझुनवाला भी राधाकृष्ण अपना गुरु मानते हैं। राधाकृष्ण अधिकतर समय लाईम लाइट से दूर ही रहते है। 
उन्हें आरडी के नाम से भी जाना जाता है। लोग उन्हें मिस्टर व्हाइट एंड व्हाइट भी कहते हैं, क्योंकि सफेद कपड़े ही उनकी पहली पसंद होते हैं। दामानी की कुल संपत्ति अब 1.42 लाख करोड़ रुपये है, पर जब 1980 के दशक में उन्होंने शेयर बाजार में कदम रखा था तब उनके पास मात्र 5000 रुपए थे। ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्स के अनुसार, वह वर्तमान में दुनिया के 98वें सबसे अमीर व्यक्ति हैं।
इतने अमीर होने के बाद भी राधाकृष्ण काफी सादगीपूर्ण जीवन जीते है। एक रिपोर्ट के मुताबिक राधाकृष्ण दामानी पूरी तरह से वैगन डाइट को फॉलो करते है। वहीं हर साल सादगी से कुम्भ गंगा में नहाने भी जाते है। उनकी सादगी का एक सबसे बेहतरीन उदाहरण है कि लंच के बाद वे मुंबई इंडस्ट्री के चर्चगेट के पास एक छोटी सी दुकान में पान खाने जाते हैं.। बेहद साधारण व्यक्तित्व के साथ रहने वाले दामानी हमेशा ही सफेद कपड़े पहनते है ताकि उन्हें हर सुबह कौन से कपड़े पहनने हैं, इस सिरदर्द से छुटकारा मिल सके। व्यापार में भी यह उनकी सबसे महत्वपूर्ण बात रही है। वर्ष 2000 से पहले, वह खुदरा व्यापार में प्रवेश करने के लिए शेयर बाजार से दूर चले गए।
1999 में, उन्होंने नेरुल, नवी मुंबई में अपना बाजार नामक एक फ्रेंचाइजी शुरू की, लेकिन उस मॉडल को किसी ने स्वीकार नहीं किया। बाद में 2002 में DMart ने मुंबई के पवई इलाके में अपना पहला स्टोर खोला और आज कंपनी के देशभर में 238 स्टोर हैं। DMart की सफलता के सूत्र को समझें तो कंपनी ने न सिर्फ रिटेल बिजनेस में अपनी अलग पहचान बनाई है, बल्कि सफलता को मजबूत भी किया है। 
कंपनी ने इसके पीछे एक साधारण फंडा का इस्तेमाल किया है, वह मार्जिन के बजाय वॉल्यूम पर ध्यान केंद्रित करता है। इसके कारण कंपनी अपने आपूर्तिकर्ता को 7-10 दिनों में माल खाली कर देते है, जबकि इसी सेगमेंट की अन्य कंपनियां आपूर्तिकर्ता को 20-30 दिनों में भुगतान करती हैं। खास बात यह है कि कंपनी जहां भी अपने स्टोर खोलती है, वह स्टोर सिर्फ डीमार्ट का ही होता है। यानी वे स्टोर किराए पर नहीं लेते हैं। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में दमानी मार्ट का मुनाफा बढ़कर 115 करोड़ रुपये हो गया। कंपनी ने एक साल पहले इसी तिमाही में 50 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया था। गौरतलब है कि दमानी हाल ही में मुंबई के मालाबार हिल्स इलाके में 1,001 करोड़ रुपये का एक बंगला खरीदकर सुर्खियों में आए थे।