जन्मभूमि से जुड़े ऐसे ही आनंद और गौरव को व्यक्त करने के लिए संस्कृत काव्य में कहा गया है:
— President of India (@rashtrapatibhvn) June 27, 2021
जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी
अर्थात
जन्म देने वाली माता और जन्मभूमि का गौरव स्वर्ग से भी बढ़कर होता है।
पैतृक गाँव पहुंचे राष्ट्रपति कोविंद, भावुक होकर कही ये बात
By Loktej
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राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया स्वागत, गाँव में पहुँचकर किए पथरी देवी के दर्शन
भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद अपने पैतृक गाँव उत्तरप्रदेश के कानपुर दैहात के पेरौख गाँव पहुंचे। अपने गाँव पहुँच कर कोविंद ने सबसे पहली अपनी मातृभूमि को स्पर्श किया। जहां राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनका स्वागत किया था। इस प्रसंग पर कोविंद काफी भाबुक हो गए।
अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर उन्होंने अपनी जन्मभूमि और माता को स्वर्ग से भी सुंदर बताते हुये संस्कृत के एक श्लोक का इस्तेमाल किया था। राज्यपाल और मुख्यमंत्री द्वारा स्वागत होने के बाद राष्ट्रपति अपनी पुत्री और बेटी के साथ पथरी देवी मंदिर पहुंचे, जहां उन्होंने माता की पुजा की। इसके बाद राष्ट्रपति ने मुख्यमंत्री के साथ अपने गाँव पेरौख की मुलाक़ात भी ली।
कोविंद यहाँ कई कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे। इसके अलावा पेरौख की एक स्कूल में वह एक संबोधन भी देंगे। राष्ट्रपति ने कहा इस बार वह देर से आए है, पर अगली बार प्रयास करेंगे की जल्दी से आ सके। इस दौरान उन्होंने यह भी बताया कि मुख्यमंत्री ने बाबा साहब की एक संगमरमर मूर्ति लगाने का निर्देश दिये है। जो की काफी आवकारदायक है। अपनी यात्रा का जिक्र करते हुये उन्होंने कहा की गाँव और उनके लोगों से उन्हें अपार स्नेह मिला है। जिसके कारण ही वह आज इस मुकाम तक पहुँच पाये है। राष्ट्रपति ने बताया की साल 2019 मे ही वहाँ आने का कार्यक्रम बनाया था, पर किसी कारणों से वह नहीं आ सके। फिर साल 2020 में कोरोना के कारण नहीं आ पाये।
In a rare emotional gesture, after landing at the helipad near his village, Paraunkh of Kanpur Dehat district of Uttar Pradesh, President Ram Nath Kovind bowed and touched the soil to pay obeisance to the land of his birth. pic.twitter.com/zx6OhUchSu
— President of India (@rashtrapatibhvn) June 27, 2021