प्रयागराज: हाईकोर्ट का आदेश, 15 वर्ष से अधिक उम्र की पत्नी के साथ यौन संबंध बनाना दुष्कर्म नहीं

प्रयागराज: हाईकोर्ट का आदेश, 15 वर्ष से अधिक उम्र की पत्नी के साथ यौन संबंध बनाना दुष्कर्म नहीं

एक मामले की सुनवाई के दौरान सुनाया फैसला

पत्नी के साथ शारीरिक संबंध को लेकर प्रयागराज हाईकोर्ट ने एक अहम और बड़ा आदेश देते हुए गुरुवार को फैसला सुनाया कि आईपीसी की धारा 375 में संशोधन के बाद 15 वर्ष से अधिक उम्र की पत्नी के साथ यौन संबंध बनाना दुष्कर्म नहीं माना जा सकता। इस आदेश के साथ कोर्ट ने दहेज के लिए पत्नी को प्रताड़ित करने और आप्राकृतिक यौन संबंध बनाने के आरोपी मुरादाबाद के खुशाबे अली की जमानत मंजूर कर ली है। उत्तर प्रदेश में इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कोर्ट के इस बयान ने उत्सुकता जगा दी है।
आपको बता दें कि मुरादाबाद के एक मामले की सुनवाई के दौरान कहा गया कि 15 साल से अधिक उम्र की पत्नी के साथ शारीरिक संबंध बनाना रेप कहा जाता है या नहीं? इसके जवाब में अदालत ने एक बयान जारी कर कहा कि इसे दुष्कर्म नहीं माना जा सकता। यह आदेश न्यायमूर्ति मो. असलम ने खुशाबे अली के अधिवक्ता केशरीनाथ त्रिपाठी व सरकारी वकील को सुनकर दिया है। खुशाबे अली के खिलाफ उसकी बीवी ने आठ सितंबर 2020 को मुरादाबाद के भोजपुर थाने में दहेज उत्पीड़न, मारपीट करने और धमकी देने के अलावा आप्राकृतिक यौन संबंध बनाने का मुकदमा दर्ज कराया था। हाल ही में एक अन्य मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा था कि शादी का झूठा वादा कर यौन संबंध बनाना रेप की श्रेणी में आना चाहिए।
गौरतलब है कि सुनवाई के बाद कोर्ट ने कहा कि धारा 375 में कई संशोधन किए गए हैं। संशोधित धारा की उपधारा दो में यदि पत्नी 15 वर्ष से कम आयु की नहीं है तो उसके साथ यौन संबंध बनाना दुष्कर्म नहीं माना जाएगा। कोर्ट ने याची की जमानत मंजूर करते हुए शर्तों के साथ उसे रिहा करने का आदेश दिया है।