आरटीपीसीआर टेस्ट नेगेटिव होने पर भी मरीज कोरोना पॉज़िटिव

आरटीपीसीआर टेस्ट नेगेटिव होने पर भी मरीज कोरोना पॉज़िटिव

हाय रिजर्वेशन सिटी में फेफड़ों में इन्फेक्शन पाया गया, डॉक्टरोंने कहा एचआरसीटी करवा लेना ज्यादा हितावह

गुजरात में कोरोना के अजीबोगरीब मामले सामने आ रहे हैं। रैपिड टेस्ट के बाद आरटी पीसीआर टेस्ट का रिपोर्ट भी नेगेटिव रहता है लेकिन मरीज कोरोनावायरस संक्रमित होते हैं ,ऐसी जानकारियां कई मामलों में सामने आई हैं। गुजरात में कई डॉक्टर के सामने ऐसे मामले सामने आए हैं जिसमें की आरटी पीसीआर टेस्ट नेगेटिव था लेकिन एचआरसीटी यानी कि हाय रिजर्वेशन सिटी में फेफड़ों में इन्फेक्शन पाया गया। 
वड़ोदरा महानगर पालिका ने ऐसे मामलों को देखते हुए एक परिपत्र जारी किया है, जिसमें बताया गया है कि यह जरूरी नहीं है कि आरटी पीसीआर टेस्ट में पॉजिटिव दिखे। इसलिए बीमा कंपनियों और थर्ड पार्टी को उन्हें पॉजिटिव मानना पड़ेगा। इस महामारी के बारे में विज्ञान रोग अधिनियम के अंतर्गत जारी किए गए परिपत्र में बताया गया है कि जिन मामलों में आरटी पीसीआर टेस्ट नेगेटिव है लेकिन एचआरसीटी और टेस्ट में वायरल की पुष्टि हुई है, तो ही मरीजों को कोरोना पॉज़िटिव ही माना जाएगा।
वडोदरा की एक निजी हॉस्पिटल के संगठन सेतु के अध्यक्ष डॉक्टर प्रीतेश शाह ने बताया कि मैंने ऐसे कई मामले देखे जिनमें की RT-PCR टेस्ट नेगेटिव आता है लेकिन कोरोना संक्रमण लगे होने की जानकारी एचआरसीटी में सामने आती है। ऐसे लोगों को उपचार के लिए दाखिल हो जाना चाहिए। संक्रमण रोग विशेषज्ञ डॉक्टर हितेंद्र कारेलिया ने बताया कि उन्होंने मरीजों को अब आरटी पीसीआर टेस्ट के साथ एचआरसीटी टेस्ट भी करने को कह दिया है। कई मामलों में मरीजों को फेफड़ों तक इंफेक्शन पहुंच जाता है। ऐसे में यह टेस्ट जरूरी है। नंद हॉस्पिटल के एमडी डॉक्टर नीरज चावला ने कहा कि RT-PCR टेस्ट जरूरी है इससे 70 प्रतिशत तक रोग के बारे में जाना जा सकता है, लेकिन सीटी स्कैन में बारीकी से रोग के बारे में जाना जा सकता है। इसलिए यह टेस्ट भी करा लेना चाहिए। फ़िलहाल राजकोट में भी ऐसे ही एक मामले के बारे में पुष्टि हुई है। डॉक्टर जय डोबरिया ने कहा कि कई मामलों में सीटी स्कैन से निमोनिया रोग के बारे में पता चलता है इसलिए लोगों को यह जांच भी करा लेना हितावह है।