राजकोट के राम-लक्ष्मण की जोड़ी; बड़े भाई ने छोटे भाई को किडनी दान की

राजकोट के राम-लक्ष्मण की जोड़ी; बड़े भाई ने छोटे भाई को किडनी दान की

छोटे भाई का दुख नहीं देखा गया, तो दिया किडनी का दान देने का निर्णय, दोनों स्वस्थ

कलियुग में जहां आए दिन संपत्ति के चक्कर में दो भाइयों के बीच के झगड़े की बात आए दिन आती रहती है। पैसों के झगड़े में भाई ने ही भाई की हत्या की हो ऐसे कई किस्से हमें सुने होगे। पर कलियुग के इस दौर में भी दो भाइयों के बीच का प्यार पूरी तरह से कम नहीं हुआ है। कुछ ऐसा ही किस्सा सामने आया है राजकोट से, जहां छोटे भाई की किडनी फेल हो जाने के कारण बड़े भाई ने अपनी किडनी का दान कर उसकी जान बचाई है। 
पिछले एक साल से डायलिसिस पर थे हरसुख
विस्तृत जानकारी के अनुसार, राजकोट के मवडी प्लॉट इलाके में संस्कार सिटी हाइटस में रहने वाले हरी सुरानी अपने परिवार के साथ रहते है। पाँच भाइयों में हरी सुरानी सबसे बड़े है। हरी के भाई हरसुख की किडनी फेल हो जाने के कारण उनका अस्पताल में इलाज चल रहा था। पिछले एक साल से हरसुख डायलिसिस पर थे और अब धीरे धीरे उनकी दोनों किडनियों ने काम करना बंद कर दिया था। 
अहमदाबाद में क्या गया सफल ऑपरेशन
हरी सुरानी से अपने भाई का यह दर्द देखा नहीं गया और इसलिए उन्होंने अपने भाई को अपनी किडनी का दान करने का निश्चय किया। जांच करने पर हरी को किडनी का दान करने के लिए सही पाया गया। इसलिए 23 मार्च के दिन अहमदाबाद की एक निजी अस्पताल में उनका किडनी ट्रांसप्लांट किया गया। इसके बाद उनकी वह किडनी हरसुख को डी गई। ऑपरेशन होने के बाद हरी को जनरल वोर्ड में रखा गया है, जबकि हरसुख को अभी दस दिनों के आइसोलेशन में रखा गया है। 
इस बारे में बात करते हुये हरसुख के पुत्र डॉ.दर्शन सुरानी ने बताया की उनके पिता एक इंडस्ट्री में काम करते है। तीन साल पहले फ्रेक्चर होने के बाद से ही उन्हें किडनी की तकलीफ है और पिछले एक साल से वह डायलिसिस पर है। पर पिछले दिनों उनकी दोनों किडनी बेअसर देखने मिली थी। अपने भाई को इस तरह से देखकर उनके बड़े भाई ने उन्हें किडनी का दान दिया है।
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