प्रकोप : कोरोना ने छीने स्वजन, चक्रवात ने तहस-नहस किये मकान-खेत!

प्रकोप : कोरोना ने छीने स्वजन, चक्रवात ने तहस-नहस किये मकान-खेत!

गुजरात के सौराष्ट्र के अंदरूनी गांवों के लोग पहले कोरोना से नुकसान झेल चुके हैं, अब ताउते चक्रवात के रूप में उन पर एक और संकट आया। वंथली तहसील के धंधुसर गांव के सरपंच अरजण दिवराणिया ने बताया आम के बाग बगीचों में तूफान के कारण भयंकर नुकसान हुआ है। आम के पेड़ों पर से आम गिर पड़े हैं। गांव को जोड़ने वाले रास्तों पर पेड़ गिर जाने के कारण संपर्क  विहिन हो गए हैं। यहां पर रात के समय 100 किलोमीटर से अधिक की रफ्तार से पवन आने के कारण घरों के पतरे उड गए थे। 
खेतों में भी तैयार फसल को बहुत असर हुआ है। विसावदर से 9 किलोमीटर दूरी पर आए लेरिया गांव में मध्य रात के समय 12:00 बजे तूफान आया था। गांव के सरपंच किशोर भाई श्याम जी भाई डोबरिया ने बताया कि लगभग 2 घंटे तक तूफान चला और 120 की गति से तूफान के कारण पूरे गांव में 50 घरों के मकान के छपरे उड गए। इतना ही नहीं किसानों की खेती में तमाम फसल को नुकसान हुआ है। बिजली चली गई है। 
विसावदर,मंडावर,जूनागढ़.सुखपुर के रास्ते बंद हो गए हैं। धोराजी के रसूलपुरा गांव में घरों के पतरे उड़ने के कारण गांव के लोग डर गए थे। धोराजी के आसपास के रास्तों पर पेड़ और बिजली के खंभे गिर जाने से सेवा बंद कर दी गई। दूसरी ओर ऊना के अमोदरा ग्राम पंचायत के सदस्य बकुलभाई जाधव का कहना है कि 1982 के तूफान में भी ऐसी तबाही नहीं हुई थी। कोरोना काल में किसानों के पास कुछ नहीं बचा। हमारे परिवार जनों को भी कोरोना ने छीन लिया और अब रही सही संपत्ति भी तूफान ने छीन ली। बगसरा तहसील के तूफान से प्रभावित हामापूर, सापर, लुधिया मुंजासर संपर्क विहीन हो गए हैं। इस गांव से कोई दूसरे गांव नहीं जा सकता और ना ही कोई गांव में आ सकता है। 
गांव के कुछ लोगों ने बताया कि वहां बारिश और तूफान के कारण भयंकर नुकसान हुआ है। गीर के विसावदर तहसील के शोभावडला गिरगांव में रात को ढाई बजे के करीब तूफान आया था। तूफान के कारण मकान का छपरा लगभग आधा किलोमीटर दूर तक उड़ के चले गया था। गांव में तूफान के चलते भगदड़ मच गई थी। बिजली के खंभे और पेड़ गिर गए थे। यह गांव भी अन्य गांवों की तरह संपर्क विहीन ह गया था।