1942 में आज ही के दिन महात्मा गांधी जी ने 'करो या मरो' नारे के साथ भारत छोड़ो आंदोलन का शंखनाद किया था।
— Amit Shah (@AmitShah) August 9, 2021
यह अंग्रेजी शासन की निर्ममता के विरुद्ध सिर्फ एक आंदोलन भर नहीं था बल्कि स्वाधीनता हेतु व्यापक जन-क्रांति थी जिसने अंग्रेजों के घुटने टिकवा उन्हें भारत छोड़ने पर विवश किया।
'भारत छोड़ो' आंदोलन की वर्षगांठ पर प्रधानमंत्री मोदी ने स्वातंत्र्य सैनिकों को किया याद
By Loktej
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'भारत छोड़ो' आंदोलन के 79वें सालगिरह पर किया सभी को याद
'भारत छोड़ो' आंदोलन की 79 साल पूर्ण होने पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने स्वातंत्र्य सेनानियों को विनम्र श्रद्धांजलि दी है। गृहमंत्री अमित शाह ने ट्वीट कर के बतया कि साल 1942 में महात्मा गांधीजी ने करो या मरो के नारे के साथ भारत छोड़ो आंदोलन कि रचना की थी। उस समय यह ब्रिटिश शासन निर्दयता के सामने ही आंदोलन मात्र नहीं था, पर आजादी के लिए की गई सामूहिक क्रांति थी। जिसके चलते अंग्रेज़ो को भारत छोडने पर मजबूर होना पड़ा था।
भारत छोड़ो आंदोलन जिसे अगस्त क्रांति के नाम से भी जाना जाता है। इसका इतिहास कई कहानियों की शौर्यगाथाओं से भरपूर है। भारत छोड़ो आंदोलन की 79वें सालगिरह पर वह आजादी के महान बलिदान में आओना योगदान देने वाले सैनिकों को वह सलाम करते है। अमित शाह के साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सभी स्वातंत्र्य सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पण की थी।
Tributes to the greats who took part in the Quit India Movement, which played a crucial role in strengthening the fight against colonialism. Inspired by Mahatma Gandhi, the spirit of the Quit India movement reverberated across India and energised the youth of our nation.
— Narendra Modi (@narendramodi) August 9, 2021
नरेंद्र मोदी ने ट्विटर पर लिखा कि भारत छोड़ो आंदोलन में भाग लेने वाले महान लोगों को श्रद्धांजलि जिन्होंने वसाहतीवाद के सामने लड़ाई में महत्व कि भूमिका निभाई थी। इस आंदोलन में भारत के सभी युवाओं में उत्साह भर दिया था।