25 मार्च को कैट ने 'ई कॉमर्स डेमोक्रेसी डे' मनाने का किया ऐलान

25 मार्च को कैट ने 'ई कॉमर्स डेमोक्रेसी डे' मनाने का किया ऐलान

28 मार्च को पूरे देश में व्यापारी अमजोन एवं फ्लिपकार्ट का होलिका दहन कर अपना घोर गुस्सा और आक्रोश दर्ज करेंगे : प्रवीन खंडेलवाल

नई दिल्ली, 21 मार्च (आईएएनएस)| एफडीआई नीति के प्रेस नोट 2 में सभी खामियों को दूर कर एक नया प्रेस नोट जारी करने की मांग करते हुए, कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने रविवार को घोषणा की कि देश भर में व्यापार संघ अब 'ई-मेल सत्याग्रह' करेगा, जिसमें केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल को एक अर्से से लंबित पड़े नए प्रेस नोट को जल्द रिलीज कर पुराने प्रेस नोट 2 के सभी खामियों को दूर करने की मांग की जायेगी।
२८ मार्च को अमेजोन और फ्लिपकार्ट का होलिका दहन
कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि, "देश भर में 40 हजार से अधिक छोटे और बड़े व्यापार संगठन 25 मार्च को 'ई कॉमर्स डेमोक्रेसी डे' के रूप में मनाएंगे और 28 मार्च को पूरे देश में व्यापारी अमजोन एवं फ्लिपकार्ट का होलिका दहन कर अपना घोर गुस्सा और आक्रोश दर्ज करेंगे।" इसी कड़ी में 25 मार्च को देश के लगभग 700 जिला कलेक्टरों को एक व्यापक ज्ञापन सौंपा जाएगा जिसमें बैंकों, ब्रांड की कंपनियों और ई-कॉमर्स कंपनियों के अनैतिक कार्टेल को उजागर किया जाएगा।
(Photo:Youtube)
कैट ने ये कहा
कैट ने कहा कि, "डीपीआईआईटी की सलाह बैठक में वाणिज्य और उद्योग के शीर्ष संगठनों के माध्यम से अमेजन, फ्लिपकार्ट के भारत के प्रतिनिधि असल में भेड़ के कपड़ो में भेड़ियों के समान है। डीपीआईआईटी के लिए अपनी कंपनी के बैनर के तहत इनमें से किसी भी अधिकारी से मिलना पूरी तरह से जायज है, लेकिन सीआईआई, नैसकॉम, एसोचैम, पीएचडीसीसीआई, फिक्की इत्यादि के बैनर की आड़ में सरकार का इनसे मुलाकात करना गहरी चिंता की बात है।"
विदेशी कंपनियों द्वारा नियमों का उल्लंघन हमारे देश के बाजार मॉडल का माखौल 
उन्होंने आगे कहा, "अमेजन और फ्लिपकार्ट एक लंबे अरसे से भारत मे 'चरवाहों' की तरह बर्ताव कर रहे हैं और केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल द्वारा कई बार सार्वजनिक चेतावनियों के बावजूद उन्होंने अपनी अनैतिक प्रथाओं को आज भी जारी रखा है। भारतीय कानूनों, नियमों और विनियमों का इन विदेशी कंपनियों द्वारा उल्लंघन हमारे देश के बाजार मॉडल का माखौल है। अब समय आ गया है कि डीपीआईआईटी एक कड़ा संदेश दे कि हम अपने देश के कानून और नियमों की रक्षा करने मे सक्षम है। इसलिए अधिक समय व्यर्थ किए बिना खामियों को पूरी तरह से दूर कर नया प्रेस नोट जारी करने की आवश्यकता है।"
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