अब ड्रोन के सहारे दूर-दराज के इलाकों में पहुंचाई जाएगी दवाइयां

अब ड्रोन के सहारे दूर-दराज के इलाकों में पहुंचाई जाएगी दवाइयां

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद ने दूरदराज इलाकों में ड्रोन के इस्तेमाल से चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने को लेकर तैयार किया एक दस्तावेज

देश में टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल तेजी से बढ़ रहा है। रोज नए नए साधनों का उपयोग कर कठिन कामों को आसान बनाया जा रहा है। आज के समय ड्रोन भी तकनीक का अहम हिस्सा बन चुके है। अब इस तकनीक की मदद से दूर-दराज के इलाकों में बहुत आसानी से दवाएं पहुंचाई जा सकेंगी। पूरी योजना भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद द्वारा तैयार की गई है।
सूत्रों के मुताबिक, भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद ने गुरुवार को दूरदराज के इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं के प्रावधान के लिए ड्रोन के इस्तेमाल को लेकर एक दस्तावेज तैयार किया। आईसीएमआर ने इस मॉडल को पूर्वोत्तर राज्यों मणिपुर और नागालैंड में कोविड -19 वैक्सीन पहुंचाने के लिए ड्रोन का उपयोग करने के बाद विकसित किया है। तैयार दस्तावेज के अनुसार, 2 एओसी और 8 एओसी के बीच भंडारण तापमान के साथ कोविड -19 वैक्सीन और सीरम, टैबलेट और कैप्सूल, बोतलों में सिरप, दस्ताने, सीरिंज, ब्लड बैग, अन्य नमूने केवल ड्रोन से लिए जा सकते हैं।
आईसीएमआर के महानिदेशक, प्रोफेसर डॉ बलराम भार्गव ने बताया कि 1.3 बिलियन के देश के रूप में, हमने अपनी स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को बेहतर बनाने में कई चुनौतियों का सामना किया है। उन्होंने कहा कि कोविड महामारी ने चुनौती को और बढ़ा दिया है। लेकिन हमें कुछ मुद्दों पर पुनर्विचार करने और हल करने का अवसर भी दिया गया। कोविड-19 के आगमन के साथ ही भारत के सुदूर क्षेत्रों में वैक्सीन वितरण की परिकल्पना की गई थी।