अब कम्प्युटर पर स्कैन हो जाएंगे मास्क ना पहनने वालों के चेहरे, इंदौर के छात्रों ने बनाया अनोखा डिवाइस

अब कम्प्युटर पर स्कैन हो जाएंगे मास्क ना पहनने वालों के चेहरे, इंदौर के छात्रों ने बनाया अनोखा डिवाइस

इंदौर के SGSITS कोलेज के छात्रों ने मिलकर एक ऐसा सॉफ्टवेर ढूंढ निकाला है जो मास्क ना लगाकर घूमने वाले लोगों के चेहरे ढूंढ निकालेगा। इस सॉफ्टवेर को 'फेस मास्क डिटेक्शन सॉफ्टवेर बेज डिवाइस' नाम दिया गया है। इस मशीन को बनाने में 6 महीने का समय लगा था। फिलहाल इस सॉफ्टवेर को कॉलेज की डायरेक्टर विंग में इन्स्टोल किया गया है और यह पूरी तरह से काम कर रहा है। यदि किसी व्यक्ति ने मास्क ना लगाया होगा तो कम्प्युटर स्क्रीन पर इसका सिग्नल मिल जाता है।
यह डिवाइस सामान्य कैमरा के साथ भी काम करता है। एक बार सॉफ्टवेर को कम्प्युटर के साथ इन्स्टोल कर उसे कैमरा के साथ जोड़ दिया जाता है। कैमरा के सामने आने वाले व्यक्ति या ग्रुप में आए सभी व्यक्ति को पहचान वह ग्रीन तथा रेड बॉक्स का सिग्नल देती है। जिसमें मास्क ना पहनने वाले लोगों को रेड बॉक्स में दिखाया जाता है। यही नहीं मास्क बिना आए लोगों के फोटो को सिस्टम में सेव भी किया जाता है। मार्केट में मिलने वाले हर मास्क को यह डिवाइस पहचान सकता है। यही नहीं आम तौर पर महिलाओं द्वारा दुपट्टा या स्कार्फ बांधा जाता है, जिसे भी यह डिवाइस मास्क पहचानता है।
इसे आईटी विभाग की सहायक प्रोफेसर पूजा गुप्ता और उपेंद्र सिंह समेत 3 से 4 छात्रों ने बनाया है। यह सॉफ्टवेयर तैयार करने और परीक्षण के साथ 6 महीने में तैयार हो गया था। इस मॉडल को प्रशिक्षित करने के लिए 70,000 से अधिक फ़ोटो (मास्क, बिना मास्क) का उपयोग किया गया था। मॉडल को 6 जीबी रैम की जरूरत है। सॉफ्टवेयर में पायथन भाषा का इस्तेमाल किया गया था। सॉफ्टवेयर बनाने में 15 दिन लगे लेकिन सटीकता बढ़ाने में कुछ महीने लगे। अब इस सॉफ्टवेयर की एक्यूरेसी 98% है। इस सॉफ्टवेयर (मॉडल) को बनाने की लागत 20 हजार रुपये थी।
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