सूरत : सोसायटियों के आंतरिक रास्तों को सिमेन्ट-कोंक्रीट के बनाएगी पालिका, ये है योजना

सूरत : सोसायटियों के आंतरिक रास्तों को सिमेन्ट-कोंक्रीट के बनाएगी पालिका, ये है योजना

सूरत महानगरापालिका द्वारा शहर के सभी सोसायटीयों के आंतरिक रास्तो को डामर के बदले अब से सिमेन्ट कोन्क्रीट के बनाने का निर्णय लिया गया है।

मात्र 5 हजार रुपये भरने पर सोसायटी को मिलेगी सीसी रोड की सुविधाः परेश पटेल
सूरत शहरी क्षेत्र में सोसायटी के आंतरीक रास्तों को भी अब सिमेन्ट कोन्क्रीट (सीसीरोड) का बनाने का निर्णय स्थायी समिति में लिया गया। इसके अलवा शहर के विभिन्न क्षेत्रों में खुलो प्लोट किराए पर देने से पालिका को निर्धारीत राशी से 40 से 100 प्रतिशत अधिक किराया मिलेगा। 
स्थायी समिति अध्यक्ष परेश पटेल ने पत्रकारो को जानकारी देते हुए कहा की आज की स्थायी समिति में शहरी क्षेत्र की आंतरीक सोसायटीओं में सीसीरोड बनाने का प्रस्ताव पारित किया गया। डामर के रास्ते बनाने के लिए जो खर्च होता था उससे कम दामों में सीसीरोड बनेगा। डामर के रास्ते को हर दो तीन सालों में रिपेरिंग करना पडता है जबकी सीसी रोड की लाईफ करीबन 25 साल की होती है। वर्तमान समय में क्रुड ऑईल (कच्चे तेल) का दाम काफी होने से डामर के मुकाबले सिमेन्ट क्रोन्क्रीट का रास्ता बनाने पालिका के लिए सस्ता और टीकाई साबित होगा। 
परेश पटेल ने अधिक जानकारी देते हुए कहा कि  सीसीरोड के अंदाज के 70 प्रतिशत अनुदान राज्य सरकार से, 20 प्रतिशत महानगरपालिका और 10 प्रतिशत राशि सोसायटी के सदस्य संसाद, विधायक, पार्षद की ग्रांट से जमा कर सकते है। इस प्रकार से सोसायटीओं को मात्र  5 हजार रुपये पालिका में जमा करने के बाद ही सीसीरोड की सुविधा मिल पायेगी। अभी वर्तमान में जीन सोसायटी में डामर के रास्ते है उन में भी 500 रुपये जमा करके जनभागीदारी स्कीम के अंतर्गत सीसीरोड बन सकेंगे। एक समय सीसीरोड लक्जरी की केटेगरी में आते थे अब शहर के सभी विस्तार में सीसीरोड बनाया जायेगा जिससे हर साल मरम्मत के खर्च से छुटकारा मिलेगा। एक बार सीसीरोड बन जायेगा तो कम से कम 25 साल तक उसकी मजबुती बनी रह सकती है।
इसके अलावा शहर के विभिन्न क्षेत्रों में महानगरपालिका के कुल 408 प्लोट खाली पडे थे। उन प्लोटो को किराए पर देने के लिए अंदाज तय किया था। पालिका द्वारा तय किए गए अंदाज से 40 से 100 प्रतिशत अधिक किराया यानी 6.23 लाख रुपये अंदाजित राशि से अधिक पालिका को मिला। 
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