ऑनलाइन एज्यूकेशन में नहीं लगता अब छात्रों का मन, कर रहे है चेटिंग और खेल रहे है गेम

मानसिक रूप से परेशान हुये छात्र, जाना चाहते है स्कूल

कोरोना वायरस की महामारी के चलते फिर से शिक्षण संस्थाओं में तले लग गए है। जिसके कारण फिर से स्कूलों में ऑनलाइन एज्यूकेशन शुरू कर दिया गया है। हालांकि ऑनलाइन एज्यूकेशन के इस दूसरे दौर में अभिभावकों के एक और समस्या का सामना करना पड़ रहा है। जब से दूसरी बार एज्यूकेशन शुरू हुआ है, छात्रों ने उसमें रुचि लेना कम कर दिया है। 
आज कल मोबाइल में पढ़ाई करने के कारण अभिभावकों द्वारा बच्चों पर ध्यान नहीं दिया जा सक रहा है। कई बच्चे पढ़ाई छोड़ कर अन्य प्रवृतियों में लग जाते है। कई बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई करते करते या तो गेम खेलने लग जाते है या तो चेटिंग जैसी प्रवृतियों में व्यस्त हो जाते है। कुछ बच्चों का कहना है की ऑनलाइन क्लास में शंकाओं का अच्छी तरह से समाधान नहीं हो पाता। कई बार ऐसा होता है की बच्चों द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब ही नहीं मिल पाता। 
वहीं अभिभावकों का कहना है की ऑनलाइन क्लास में एक साथ काफी लोगों को पढ़ाने के कारण कई बार क्लास में ध्यान देने में कमी रह जाती है। इसके अलावा अधिकतर ऑनलाइन क्लास का समय सुबह 9 से 12 का होता है। जिस दौरान उनका घर का काम होता है, जिससे की वह उन पर ध्यान नहीं दे पाते। ऑफलाइन मोड में शिक्षक के सामने होने से छात्रों पर थोड़ा ध्यान ज्यादा रहता है। 
कुछ अभिभावकों का कहना है कि पढ़ाई के इस तरीके से बालक अब परेशान हो चुके है। अब उन्हें स्कूल जाना है। छात्र और शिक्षक के बीच जो संवाद होना चाहिए, वह ऑनलाइन शिक्षा में नहीं हो पाता। ऑनलाइन परीक्षा में भी कॉपी केस के कई किस्से सामने आते है। सामने सुपरवाइजर न होने के कारण छात्र कही से भी चोरी करके उत्तर लिख लेते है। 
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