नॉएडा : 4 साल की बच्ची के साथ स्कूल में हुआ डिजिटल रेप, पुलिस कर रही हैं जाँच

गौतमबुद्ध नगर जिले के सेक्टर 39 थाना क्षेत्र के एक स्कूल में हुआ ये मामला

देश के हर हिस्से में बच्चियों के साथ यौन-उत्पीडन के मामले समय समय पर सामने आते रहते है। अब गौतमबुद्ध नगर जिले के सेक्टर 39 थाना क्षेत्र के एक स्कूल में 4 साल की बच्ची के साथ डिजिटल रेप का मामला सामने आया है। बच्ची की मां की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और जांच कर रही है।
मिली जानकारी के मुताबिक यह बात सामने आई है कि डिजिटल रेप स्कूल के वॉशरूम में हुआ। ये मामला उस समय सामने आया जब मासूम के शरीर पर गंभीर खरोंच आने के बाद माँ पाउडर लगा रही थी। इस दौरान मां ने घाव पर ध्यान दिया। मां के सवाल पर मासूम ने कहा कि स्कूल में उसके साथ दुष्कर्म किया गया। इसके बाद माँ ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने मां की शिकायत के बाद पीड़िता के इलाज के बाद मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस ने स्कूल के सीसीटीवी की जांच शुरू कर दी है। साथ ही पुलिस ने कहा कि इस मामले में जांच पूरी होने के बाद गिरफ्तारी की जाएगी।

क्या है डिजिटल रैप?


डिजिटल रेप का मतलब यह बिल्कुल नहीं है कि यौन उत्पीड़न इंटरनेट के माध्यम से किया गया हो। डिजिटल रेप शब्द दो शब्दों को जोड़कर बना है जो डिजिट और रेप हैं। इंग्लिश के डिजिट का मतलब हिंदी में मतलब अंक होता है तो वहीं अंग्रेजी के शब्दकोश में डिजिट अंगुली, अंगूठा, पैर की अंगुली इन शरीर के अंगो को भी डिजिट कहा जाता है।
अगर कोई शख्स महिला की बिना सहमति के उसके प्राइवेट पार्ट्स को अपनी अंगुलियों या अंगूठे से छेड़ता है तो ये डिजिटल रेप कहलाता है। यानी जो शख्स अपने डिजिट का इस्तेमाल करके यौन उत्पीड़न करे तो ये डिजिटल रेप कहा जाता है। विदेशों की तरह भारत में इसके लिए कानून बना है। दिसंबर 2012 से पहले देश में डिजिटल रेप को रेप माना जाता था। लेकिन निर्भया कांड के बाद देश की संसद में रेप का नया कानून पेश किया गया और धारा 375 और पॉक्सो एक्ट के तहत इसे सेक्स क्राइम बना दिया गया। इस अपराध को 2013 के आपराधिक कानून संशोधन के माध्यम से भारतीय दंड संहिता में शामिल किया गया था। इसे निर्भया अधिनियम (Nirbhaya Act) भी कहा जाता है। साल 2012 में निर्भया केस के बाद से बलात्कार के कानून में कई बदलाव किए गए जिसमें ये भी शामिल था। साल 2013 के बाद बलात्कार का मतलब सिर्फ संभोग तक ही सीमित नहीं रह गया है। अब इसमें कई नियम जुड़ चुके हैं।


डिजिटल रेप की सजा


डिजिटल रेप के 70 फीसदी मामले किसी ऐसे व्यक्ति द्वारा अंजाम दिए जाते हैं जो पीड़िता का करीबी होता है। हालांकि, डिजिटल रेप के बहुत कम अपराध दर्ज किए जाते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि अधिकांश लोग बलात्कार के कानूनों और 'डिजिटल बलात्कार' शब्द के बारे में नहीं जानते हैं। कानून के अनुसार, अपराधी को कम से कम पांच साल जेल की सजा हो सकती है। कुछ मामलों में, यह सजा 10 साल तक चल सकती है या कुछ मामलों में आजीवन कारावास भी हो सकती है।