कोरोना मरीज को बीमारी से ठीक होने के बाद नहीं कराना होगा टेस्ट
By Loktej
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नए दिशानिर्देश के अनुसार अब से हल्के कोरोना संक्रमण मामलों में ठीक होने के बाद अब टेस्ट की जरूरत नहीं
एक बार फिर तेजी से देश में फ़ैल रहे कोरोना संक्रमण को लेकर सरकार तेजी के कार्यरत है और संक्रमण को लेकर आवश्यक कदम उठाएं जा रहे है। कोरोना की तीसरी लहर में भले ही संक्रमित मामलों की संख्या ज्यादा है पर बहुत कम ही लोगों को अस्पताल की आवश्यकता हो रही है। ऐसे में आगे की स्थिति के बारे में जानकारी देते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि कोरोना के हल्के मामलों वाले लोगों को टेस्ट पॉजिटिव आने के सात दिन बाद डिस्चार्ज किया जा सकता है और ऐसे लोगों को दोबारा कोरोना टेस्ट कराने की जरूरत नहीं है।
आपको बता दें कि अब तक कोरोना संक्रमित व्यक्ति के ठीक होने पर भी कोरोना टेस्ट की जरुरत पड़ती थी लेकिन अब केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तुत नए दिशानिर्देश के अनुसार अब से हल्के कोरोना संक्रमण मामलों में ठीक होने के बाद अब टेस्ट की जरूरत नहीं है।
बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी की कोरोना पर समीक्षा बैठक के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि बैठक के बाद सरकार ने अपनी डिस्चार्ज नीति में बदलाव करते हुए ये फैसला किया है। कोरोना के लक्षणों को हल्के और मध्यम में बांटा गया है।
Total 115 confirmed deaths globally due to Omicron and 1 death in India: Lav Agarwal, Joint Secretary, Health Ministry pic.twitter.com/rbvpxeeEGO
— ANI (@ANI) January 12, 2022
वहीं देश में कोरोना मामलों की स्थिति की बात करें तो 30 दिसंबर को सकारात्मकता दर 1.1% थी, जो अब बढ़कर 11.05% हो गई। कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर तीन महानगर सबसे बड़ी चिंता बनकर उभरे हैं। दिल्ली, मुंबई और कोलकाता में हालात बेकाबू होते जा रहे हैं। आंकड़ों के मुताबिक, करीब 50 हजार कोरोना संक्रमित तो सिर्फ इन्हीं तीन शहरों में सामने आए हैं। बेंगलुरु के हालात भी ठीक नहीं हैं। दिल्ली में बुधवार को कोरोना के 27,561, मुंबई में 16,420 और कोलकाता में 7,060 लोग कोरोना संक्रमित आए हैं। पिछले दो सप्ताह में आठ यूरोपीय देश दोगुने से अधिक हो गए हैं। देश में सक्रिय मामलों की संख्या 9,55,319 के करीब है।
ICMR द्वारा जारी नई गाइडलाइन के अनुसार अब से सभी कोरोना रोगियों के लिए टेस्ट की आवश्यकता नहीं है बल्कि केवल बुजुर्गों या गंभीर बीमारी वाले लोगों के साथ उच्च जोखिम वाले के संपर्कों में आने वालों का ही कोरोना टेस्ट होना चाहिए। साथ ही इस दिशानिर्देश में बताया गया है कि होम आइसोलेशन में रहने वालों का कोरोना टेस्ट जरूरी है।