मोरबी पुल हादसा : बच्चे को झूलते पुल पर लगाने लगा डर और बस इसी कारण बच गया एक परिवार

मोरबी पुल हादसा : बच्चे को झूलते पुल पर लगाने लगा डर और बस इसी कारण बच गया एक परिवार

रविवार को हुए भीषण हादसे में उजाड़ गये कई परिवार

गुजरात के मोरबी में हुए दर्दनाक हादसे में कई लोगों की जान चली गई है। फिर इस घटना में ऐसे मामले भी हैं जिनमें लोग इस पुल पर गए हैं और किसी कारण से पुल के गिरने से कुछ समय पहले पुल से निकल आये और इस कारण से भी इस घटना में उनको नया जीवन मिल गया हो। ऐसे ही एक शख्स जो इस घटना में पुल पर जाने के बाद हादसे से थोड़ी देर पहले ही पुल बाहर आए राजुला और परिवार ने इस बारे में अपनी कहानी बताई है।

परिवार ने बताया कि क्या हुआ था उस दिन


जानकारी के अनुसार घटना में जो परिवार बच गया वह राजुला शहर के दुलारभानगर में रहने वाले भानुभाई मेहता का परिवार है। मेहता परिवार राजुला से अपने रिश्तेदारों के यहां मोरबी आया था। इस दौरान उन्होंने उस पुल का आनंद लेने का फैसला किया जिसे मोरबी का आश्चर्य माना जाता है। मेहता परिवार के भानुभाई मेहता, सागरभाई मेहता, कोमलबेन, खेवना और नेत्र सहित परिवार के सदस्य झूले पुल में चले गए। हालांकि, जब वे कुछ देर के लिए पुल में पहुंचे तो उनके साथ मौजूद नौ साल की नेत्र रोने लगा और बाहर आने की जिद करने लगा तो परिवार ने पुल में सेल्फी ली और पूरा परिवार पुल से बाहर आ गया। उनके वहां से निकलने के 15 मिनट बाद ही पुल ढह गया। इस घटना के शिकार होते होते बचे राजुला के सागरभाई मेहता कहते हैं, 'हम पुल में आधे भी नहीं थे और हमारे साथ हमारा छोटा लड़का डर के मारे रोने लगा, इसलिए हमने सिर्फ एक सेल्फी ली और पुल से वापस आ गए, जैसे हम पुल से बाहर आए और अपनी कार से बाहर निकले उसके ठीक 15 मिनट बाद ये दर्दनाक घटना हुई। वह आगे कहते हैं कि, अगर लड़का जाने के लिए नहीं रोया होता तो हम भी इस त्रासदी में शामिल हो जाते।'

सोशल मीडिया पर पोस्ट की सेल्फी तो रिश्तेदारों के आने लगे कॉल


परिवार ने पुल में जाकर सेल्फी ली और अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर सेल्फी पोस्ट की, सेल्फी देखने और त्रासदी की खबर सुनने वाले उनके कई रिश्तेदार चिंतित हो गए। इस पूरे मामले को लेकर परिवार ने कहा, अब हमारे रिश्तेदारों के लगातार फोन आ रहे हैं, नेत्र की वजह से हम बच गए, जैसे भगवान ने हमें कोई संकेत दिया हो, अब हम एकजुट हैं, उन्होंने आगे कहा कि, हम इस त्रासदी को कभी नहीं भूल सकते। पुल में ली गई सेल्फी हमेशा याद रहेगी। इसके साथ ही सागरभाई मेहता इस पूरी बात के बारे में कहते हैं, हमारे लिए झूला पुल से लौटने का एक ही कारण था, पुल को हिलता देख हमारा लड़का रोने लगा जिसके कारण हम पीछे हट गए। अगर हम सिर्फ आंख की वजह से बच गए।

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