चिकित्सकीय चमत्कार : जब क्लिनिकल ट्रायल में मरीजों के शरीर से कैंसर के कीटाणु गायब हो गए!

चिकित्सकीय चमत्कार : जब क्लिनिकल ट्रायल में मरीजों के शरीर से कैंसर के कीटाणु गायब हो गए!

हाल ही में रेक्टल कैंसर यानी मलद्वार का कैंसर के कुछ मरीजों पर एक विशेष दवा डॉस्टरलिमैब का क्लिनिकल ट्रायल किया गया। इस प्रयोग से सिर्फ 6 महीने में ही कैंसर का ट्यूमर पूरी तरह खत्म हो गया

आज के समय में दुनिया में चिकित्सा पद्धति के इतने समृद्ध होने के बाद भी कैंसर एक लाइलाज बीमारी बनी हुई है। किसी कैंसर के मरीज को बहुत ही दर्दनाक चिकित्सा पद्धति से गुजरना पड़ता है। इस पर भी उसके पूरी तरह से ठीक होने की कोई गारंटी नहीं रहती। लेकिन अब चिकित्सा के क्षेत्र से आची खबर सामने आ रही है। वैज्ञानिकों को कैंसर के इलाज में बड़ी कामयाबी मिलती नजर आ रही है।
आपको बता दें कि हाल ही में रेक्टल कैंसर यानी मलद्वार का कैंसर के कुछ मरीजों पर एक विशेष दवा डॉस्टरलिमैब का क्लिनिकल ट्रायल किया गया। इस प्रयोग से सिर्फ 6 महीने में ही कैंसर का ट्यूमर पूरी तरह खत्म हो गया। यह रिसर्च न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित हुई है। फिलहाल ये दवा अभी अपने यह ट्रायल फेज में है। आम लोगों के लिए कब से यह बाजार में उपलब्ध होगी, यह अभी स्पष्ट नहीं है। साथ ही यह खुले बाजार में मौजूद नहीं है, लेकिन दवाइयों के ऑनलाइन मार्केट में उपलब्ध है। वहीं कीमत की बात करें तो एएनआई की ओर से मिली जानकारी के अनुसार इस दवा की एक डोज की कीमत 11,000 डॉलर यानी 8.5 लाख रुपए है। भविष्य में ज्यादा प्रोडक्शन होने के बाद भी इसका किफायती होना मुश्किल है। साथ ही ड्रग अभी सिर्फ एंडोमीट्रियल कैंसर के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। अन्य रोगियों पर इसका क्या असर होगा या क्या उन पर इसका प्रयोग करेंगे इसकी कोई जानकारी नहीं है।
इस बारे में इस स्टडी को करने वाले डॉ लुइस ए डियाज कहते है कि कैंसर के इतिहास में पहली बार किसी दवा से सभी मरीज ठीक हुए। भले ही यह स्टडी छोटी है, लेकिन इस जानलेवा बीमारी के खिलाफ बड़ी कामयाबी है। वहीं, यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के डॉ एलन पी विनूक ने कहा कि किसी कैंसर रिसर्च में हर एक मरीज का ठीक हो जाना अपने आप में नई बात है। वर्तमान में प्रयोग के दौरान सभी मरीज क्लिनिकल ट्रायल से पहले कीमोथैरेपी, रेडिएशन और इनवेसिव सर्जरी जैसे इलाज करा चुके थे। साइड इफेक्ट के तौर पर उन्हें यूरीन, बॉवेल और सेक्स से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था। हालांकि, किसी भी मरीज में डॉस्टरलिमैब ड्रग का कोई साइड इफेक्ट नहीं दिखा।
टेसारो कंपनी द्वारा 2020 में तैयार और एक साल बाद में अमेरिका और यूरोप में मंजूर हुई डॉस्टरलिमैब लैब में बनाया जाने वाला एक ऐसा ड्रग है, जो इंसान के शरीर में एंटीबॉडीज के विकल्प की तरह काम करता है। कैंसर से जूझ रहे लोगों का इम्यून सिस्टम काफी कमजोर हो जाता है, जिससे उनमें एंटीबॉडीज का लेवल भी कम हो जाता है। ऐसे में बीमारी से लड़ने के लिए बाहरी दवा की जरूरत पड़ती है।
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