जानें विख्यात भविष्यवेत्ता नास्ट्रादेमस ने वर्ष 2021 के बारे में क्या भविष्यवाणी की थी!

जानें विख्यात भविष्यवेत्ता नास्ट्रादेमस ने वर्ष 2021 के बारे में क्या भविष्यवाणी की थी!

300 साल पहले भारतीय साधू ने भी किया था अपने ग्रंथ में महामारी का नाम के साथ उल्लेख

देश बाहर में कोरोना महामारी ने अपना कहर ढाया हुआ है। हालांकि यदि ऐसा कहा जाये कि इस महामारी के बारे में पहले से ही भविष्यवाणी हो गई थी तो क्या आप मानेंगे। जी हाँ हम सच कह रहे है। फ्रांस के महान भविष्यवक्ता नास्ट्रादेमस जो की अपनी की गई कई भविष्यवाणियों के लिए जाने जाते है और जिनकी कई भविष्यवाणियाँ सही भी साबित हुई है। नास्ट्रादेमस ने हिटलर के उदय से लेकर जॉन केनेडी की हत्या तक की भविष्यवाणियाँ की थी। 
नास्ट्रादेमस की भविष्यवाणियों का विश्लेषण करने वाले विशेषज्ञो के अनुसार नास्ट्रादेमस ने लिखा है की साल 2020 में मानवजाति के सामने एक बड़ा संकट आएगा। हालांकि साल 2021 में वह संकट और भी बड़ा हो जाएगा, जब दुनिया में महाभयंकर अकाल आएगा। नास्ट्रादेमस ने लिखा है की 21वीं सदी में महाभयानक तीसरा विश्वयुद्ध होगा। इस दौरान एक बड़े नेता की हत्या होगी और उसी के कारण तीसरा विश्व युद्ध शुरू होगा। यूध्द के बाद पश्चिम के देश कमजोर हो जाएगे और पूर्व की सत्ता का उदय होगा। साल 2021 में पृथ्वी एक विशाल अवकशी ग्रह के साथ टकराएगी। इसके अलावा इस साल पहली बार ऐसे सैनिक देखने मिलेगे, जिनके दिमाग में चिप फिट की गई होगी। 
इन सभी भविष्यवाणियों की सत्यता को जानने के लिए यदि हम देखे तो पृथ्वी से टकराने वाला वह विशाल ग्रह केएफ़-1 एस्ट्रोइड हो सकता है। इसके अलावा चिप वाले सैनिकों की बात चीन के लिए सही साबित हो सकती है। जो की इस तरह के सैनिकों को बनाने की कोशिश में लगा हुआ है। 
बता दे की नास्ट्रादेमस के अलावा 300 साल पहले भारत के एक हिन्दू संत वीर ब्रहमेंद्र स्वामी ने भी इस बीमारी के बारे में बताया था। अपने कालज्ञानम ग्रंथ में उन्होंने इस वायरस को कोरोंकी वायु कहा है। ग्रंथ में कहा गया की पूर्व में हवा में कोरोंकी वायु फ़ेल जाएगा, जिसके कारण कई लोगों की जान चली जाएगी। इसके अलावा पिछले साल ही 14 साल के भविष्यवेत्ता अभिग्य ने बताया था की यह महामारी साल 2020 में नहीं खतम होगी। एकबार कम होने के बाद दिसंबर से यह महामारी फिर से अपना सर उठाएगी, जिसके बाद मई 2021 के बाद इसमें कमी आएगी। इसके अलावा भी अभिग्य ने अन्य कई कुदरती तकलीगोन के बारे में बताया था। जिससे सिर्फ और सिर्फ मनुष्य की रोगप्रतिकारक शक्ति ही उसे बचा पाएगी, ऐसा निवेदन दिया था।