जानें इक्विलाइजेशन ड्युटी को लेकर क्यों सरकार से नाराज हैं सूरत के हीरा कारोबारी

जानें इक्विलाइजेशन ड्युटी को लेकर क्यों सरकार से नाराज हैं सूरत के हीरा कारोबारी

सूरत में कोरोना काल के बाद से ही हर तरफ मंदी का माहौल फैला हुआ है। सूरत में कोरोना काल के पहले कई कंपनियाँ रफ हीरे की ऑनलाइन खरीद कर उन्हें आयात करते थे। हालांकि महामारी के बाद से अधिकतर कंपनियों ने ऑनलाइन खरीदी करने लगी है। ऐसे संजोगों में ऑनलाइन खरीदी करने वाले ग्राहक को 2 प्रतिशत इक्विलाइजेशन ड्युटी भरनी होती है।
जीजेईपीसी के रिजनल चेरमेन दिनेश नवाड़िया ने इस बारे में बात करती हुये बताया कि कोरोना के पहले कई लोग रफ हीरे कि खरीदी करते थे। हालांकि अधिकतर कंपनीय अब ऑनलाइन खरीदी करती है। नियमों के अनुसार, रफ बेचने वाले को 2 प्रतिशत इक्विलाइजेशन ड्युटी भरनी पड़ती है। हालांकि रफ बेचने वाले इस ड्यूटी को नही भरते, इसके चलते यह भार भी रफ माल खरीदी करने वाले के ऊपर ही आ रहा था।
उल्लेखनीय है कि पिछले साल शहर में अंदाजीत 5500 करोड़ के रफ हीरों कि खरीदी हुई थी। ऐसे में इस मामले में सरकार को उचित कदम उठाने के लिए एक आवेदान भी किया था, पर इसके बाद भी बजट में कोई उल्लेख ना होने पर व्यापारी गण नाराज हुए है।
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