जाने आखिर किस कारण भारतीय सेना से दूर रहा है कोरोना

जाने आखिर किस कारण भारतीय सेना से दूर रहा है कोरोना

वैक्सीनेशन प्रोग्राम और जीरो टोलरंस पॉलिसी के कारण सेना के सभी जवानों से दूर रखा कोरोना

एक ओर जहां देश में कोरोना के संक्रमण ने अपना कहर ढाया हुआ है। किसी भी सेक्टर या कोई भी विभाग ऐसा नहीं बचा है, जहां कर्मचारियों के कोरोना संक्रमित हो जाने के कारण अव्यवस्था ना हुई हो। ऐसे में भारतीय सेना द्वारा विभिन्न कदम उठाकर कोरोना के कम से कम संक्रमित मामले दर्ज किए है। जिसके चलते सभी को एक नाई राह दिख रही है। 
जहां एक और पूरा देश कोरोना के संक्रमण के दूसरी लहर का सामना कर रहा है। हर विभाग में कोरोना के संक्रमितो की संख्या बढ्ने लगी। वही वैक्सीनेशन प्रोग्राम और कोविड प्रोटोकॉल के पालन में जीरो टोलरेंस की नीति अपनाने के कारण भारतीय सेना द्वारा कोरोना के संक्रमण के दर को लगभग शून्य पर ला दिया है। इसके अलावा भारतीय सेना के 99% सैनिकों ने टीका ले लिया है। इसमें खास बात यह है कि सेना ने यह कमाल पिछले 2 महीने से भी कम समय में कर लिया है। देश भर में रोज कोरोना के 3 से 3.25 लाख में केस सामने आ रहे हैं। वहीं सेना में हर दिन आने वाले केस की संख्या मात्र 50 से 60 की है। यह भी वह सैनिक है जो परिवार के साथ बाहर रहने के कारण संक्रमित हो रहे हैं।
प्रतिकात्मक तस्वीर
सेना ने देश भर के अपने यूनिटों में मार्च से ही टीकाकरण अभियान शुरू कर दिया था और 20 अप्रैल तक में लगभग 14 लाख फौजियों में से 99% लोगों ने कोरोना की वैक्सीन ले ली थी। इसके अलावा 82% सैनिकों ने यानी कि लगभग 11.50 लाख सैनिकों ने कोरोना का दूसरा डोज़ भी ले लिया है। सैन्य के सभी जवान कोरोना के खिलाफ टीका कवर चढ़ा लेने के बाद अब लोगों की सेना के सेवा के लिए भी तैनात हो रहे है। 22 अप्रैल से दिल्ली की सैन्य अस्पतालों को कोविड अस्पतालों में  में तब्दील कर दिया गया है। यहां ऑक्सीजन सुविधा के साथ 258 बेड पर मरीजों को दाखिल किया गया है। इसके अलावा सेना ने दिल्ली में हजार बेड की एक अस्पताल को भी आम जनता के लिए खोल दिया है। इन सभी के अलावा भी सेना ने लखनऊ में लगभग 450, वाराणसी में 750 और अहमदाबाद में 900 बेड की अस्पताल आम जनता के लिया खोली है।