जानिये दिवाली से पूर्व कैसे नगदी संकट से जूझ रहे हैं सूरत के वीवर

जानिये दिवाली से पूर्व कैसे नगदी संकट से जूझ रहे हैं सूरत के वीवर

लम्बे समय से बेरंग रहे बाजार को त्यौहारों से थी बहुत उम्मीद पर इस समय मार्केट में आर्थिक संकट

बीते दिनों में जहाँ सूरत के कपडा मार्केट की स्थिति बहुत अच्छी नहीं रही। व्यापार से जुड़े लोगों को त्यौहारों से बहुत उम्मीद थी पर नवरात्री समेत अन्य त्यौहारों में भी बाजार में वो पुरानी लय देखने को नहीं मिली। ऐसे में अब विविग इंडस्ट्रीज नकदी संकट से जूझ रही है। वहीं व्यापारियों द्वारा श्रमिकों के वेतन,  काम के बिलों और यार्न के भुगतान किया जाना बाकी है। ऐसे में निर्माता अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

पेमेंट की कमी से परेशान व्यापारी


आपको बता दें कि व्यापारियों की ओर से भुगतान आ तो रहा है लेकिन टुकड़ों-टुकड़ों में और ऐसे में निर्माताओं की आवश्यकता पूरी नहीं हो रही है। ज्यादातर निर्माता शिकायत कर रहे हैं कि पैसा नहीं आ रहा है। खुदरा काउंटर पर व्यापार बहुत अच्छा है, हालांकि बाजार में पैसा नहीं घूम रहा है। यह एक बड़ी समस्या है।

धीरे-धीरे बंद हो रही हैं इकाइयां


वहीं दूसरी ओर पैसों की व्यवस्था कर पाने वाले मालिकों और उद्योगकर्मियों ने अपने फैक्ट्रियों में कारीगरों को मजदूरी देकर इकाइयों को बंद करना शुरू कर दिया है। अब तक 20 फीसदी इकाइयां बंद हो चुकी हैं। यूनिट चलाने में किसी की दिलचस्पी नहीं है। अब ये सभी इकाइयों के अगले शुक्रवार-शनिवार तक बंद रहने के आसार रहेंगे। कपड़ा बाजार में विनिर्माताओं का करोड़ों रुपये बकाया है, इसी तरह दूसरे राज्यों में भी व्यापारियों का भारी कर्ज है। दूसरे राज्य के व्यापारी खुदरा भुगतान कर रहे हैं। हालांकि, अधिकांश निर्माताओं का कहना है कि ऐसी बुरी स्थिति पहले कभी अनुभव नहीं हुई है।
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