कर्नाटक : एक बार फिर सेल्फी बनी मौत की वजह, झरने के पास सेल्फी लेने के दौरान फिसलकर डूबने से चार छात्राओं की हुई मौत

कर्नाटक : एक बार फिर सेल्फी बनी मौत की वजह, झरने के पास सेल्फी लेने के दौरान फिसलकर डूबने से चार छात्राओं की हुई मौत

दुनिया भर में सेल्फी लेने के दौरान होने वाली मौतों के अध्ययन के बाद सामने आई रिपोर्ट में कहा गया कि भारत इस मामले में पूरी दुनिया में अव्वल

आजकल लोगों में सेल्फी का बहुत क्रेज है। लोगों को जहां भी मौका मिलता है, वे सेल्फी लेने लगते हैं। कई बार सेल्फी लेने के चक्कर में बड़े हादसे भी हो जाते हैं। वहीं कर्नाटक में एक झरने के पास सेल्फी लेने के दौरान फिसलकर डूबने से चार छात्राओं की मौत का मामला सामने आया है। यह घटना शनिवार दोपहर बेलगावी तालुक की सीमा के पास किटवाड़ जलप्रपात के पास हुई। ये सभी बेलगावी के रहने वाले थे और कामत गली स्थित मदरसे के छात्र थे।

संतुलन बिगाड़ा और 5 लड़कियां पानी में गिरी


मिली जानकारी के मुताबिक शनिवार सुबह मदरसे के कुल 40 छात्र किटवाड़ जलप्रपात देखने गए थे। बताया जा रहा है कि यह घटना तब हुई जब कुछ लोग झरने के पास खड़े होकर सेल्फी ले रहे थे। इसी दौरान संतुलन बिगड़ने से 5 छात्राएं पानी में गिर गईं। लड़कियों को बचाया नहीं जा सका क्योंकि किनारे के पास खड़े लोगों में से कोई भी तैरना नहीं जानता था।

एक छात्र को बचाकर अस्पताल पहुँचाया गया, हालत गंभीर


आपको बता दें कि झरने में गिरने के बाद किसी तरह एक छात्र को रेस्क्यू कर अस्पताल पहुंचाया गया। जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने से मिली जानकारी के अनुसार उसकी हालत गंभीर बताई जा रही है। हादसे में बाकी चार लड़कियों की मौत हो गई। हादसे की खबर सुनते ही जिला अस्पताल में काफी संख्या में लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। पुलिस ने एहतियात के तौर पर परिसर के आसपास अतिरिक्त बल तैनात कर दिया है। पुलिस उपायुक्त रवींद्र घदादी और बिम्स अस्पताल के सर्जन अन्नासाहेब पाटिल स्थिति की निगरानी के लिए अस्पताल पहुंचे।

सेल्फी लेने के दौरान होने वाली मौतों में भारत अव्वल


गौरतलब है कि बीते दिनों दुनिया भर में सेल्फी लेने के दौरान होने वाली मौतों के अध्ययन के बाद सामने आई रिपोर्ट में कहा गया कि भारत इस मामले में पूरी दुनिया में अव्वल है। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), नई दिल्ली और भारतीय तकनीकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर के शोधकर्ताओं की ओर से किए गए इस अध्ययन में कहा गया था कि अक्तूबर 2011 से नवंबर 2017 के बीच पूरी दुनिया में ऐसी घटनाओं में जो 259 मौतें हुई थीं उनमें से 158 भारत में हुई थीं। उसके बाद भी यह आंकड़ा तेजी से बढ़ा है। इसके बाद रूस, अमेरिका और पाकिस्तान का नंबर आता है। इस मामले की गंभीरता का अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि सेल्फी लेने के दौरान होने वाली मौतों के मामले में दूसरे स्थान पर रहे रूस में इस दौरान महज 16 और तीसरे स्थान पर रहे अमेरिका में 14 लोगों की मौत हुई थी। भारत में ज्यादातर मौतें झील, नदी या समुद्र में डूबने के दौरान हुई। इसके बाद चलती ट्रेन के सामने और हिंसक जानवरों के साथ सेल्फी लेने में लोगों ने जान गंवाई। वहीं, विदेशों में ऊंची इमारतों और जंगली जानवरों के साथ सेल्फी के दौरान सबसे ज्यादा लोग मारे गए गए।