जूनागढ़ : महज 7 साल की उम्र में बनाये दो बड़े रिकॉर्ड, मुख्यमंत्री ने किया सम्मानित

जूनागढ़ : महज 7 साल की उम्र में बनाये दो बड़े रिकॉर्ड, मुख्यमंत्री ने किया सम्मानित

कम उम्र में पहाड़ों पर चढ़ने वाले भारत के सबसे कम उम्र के पर्वतारोही बन चुके हैं मृणाल

कहते हैं कि इंसान के हौसले के सामने पर्वत भी नहीं टिक सकता। अगर कोई ठान ले और उसे साकार करने में लग जाये तो कोई भी काम मुश्किल नहीं है। जूनागढ़ के 7 वर्षीय मृणाल ने इस बात को साकार कर दिया किया है। दूसरी कक्षा में पढ़ने वाले इस नन्हे मृणाल इतनी कम उम्र में पहाड़ों पर चढ़ने वाले भारत के सबसे कम उम्र के पर्वतारोही बन चुके हैं और उन्होंने दो रिकॉर्ड भी अपने नाम किए हैं। मृणाल को उनके रिकॉर्ड के लिए गुजरात के मुख्यमंत्री ने भी सम्मानित किया है।
आपको बता दें कि जूनागढ़ शहर के रहने वाले मृणाल भरतभाई अंबालिया महज 7 साल के हैं, लेकिन उनका रोमांच लाजवाब है। उनकी मां किरणबेन पीठिया और पिता भरतभाई अंबालिया दोनों वन विभाग में काम करते हैं। अपने माता-पिता से विरासत में मिले साहसिक कार्य के चलते आज जूनागढ़ की मृणाल ने मात्र 7 वर्ष की आयु में ही रोमांच से भरपूर दो कीर्तिमान स्थापित कर दिए हैं। जब मृणाल 6 साल के थे तब उन्होंने उत्तराखंड के उत्तरकाशी में 12,500 फीट ऊंची केदारकांठा चोटी को महज 2 दिनों में फतह कर लिया था। इसी के साथ वो केदारकांठा चोटी पर चढ़ने वाले भारत के सबसे कम उम्र के पर्वतारोही होने का रिकॉर्ड बनाया। इसके अलावा इस नन्हे बहादुर ने लद्दाख के लेह से 17,582 फीट की ऊंचाई  पर स्थित खारदुंग ला टॉप तक साइकिल चलाकर  7 साल की उम्र में सबसे कम उम्र के साइकिल चालक के रूप में दूसरा रिकॉर्ड भी बनाया। मृणाल ने इस रिकॉर्ड को बनाने के लिए वर्ल्ड ट्रेजर कंपनी से प्रणवसर का मार्गदर्शन प्राप्त किया।
गौरतलब है कि इन रिकॉर्ड के लिए गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्रभाई पटेल ने मृणाल को सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया। इस बारे में रिकॉर्ड तोड़ मृणाल से बात करते हुए उन्होंने कहा कि वह निकट भविष्य में बहुत सारे पहाड़ों पर चढ़ना चाहते हैं, और वह एक वायु सेना अधिकारी के रूप में अपना करियर बनाने का सपना देख रहे हैं।