झारखंड : उरांव जनजाति की बेटियों को भी मिलेगा पैतृक संपत्ति में अधिकार

ट्रायल कोर्ट के फैसले को पलट कर हाईकोर्ट ने दिया सीमाचिन्ह रूप आदेश, पड़ेगा दूरगामी प्रभाव

झारखंड की उरांव जनजाति समुदाय में अब तक बेटियों को पिता की संपत्ति में अधिकार नहीं मिलता था। परंतु अब पहली बार हाईकोर्ट में बेटियों को भी पिता की संपत्ति में बेटे जितना ही समान हक देने का एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा है की पिता की संपत्ति में बेटियों का भी बेटों जितना ही अधिकार रहेगा। झारखंड हाईकोर्ट ने आवेदन कर्ता प्रभा मिंज की याचिका की सुनवाई के बाद यह फैसला सुनाया है।
आपको बता दें कि प्रभा मिंज ने ट्रायल कोर्ट में फैमिली प्रॉपर्टी में हिस्सा प्राप्त करने के लिए आवेदन किया था। लेकिन ट्रायल कोर्ट ने यह कहते हुए उनके आवेदन को निरस्त कर दिया था कि रूढ़िवादी कानून में उरांव जनजाति में पुत्रियों को पैतृक संपत्ति में हिस्सा देने का प्रावधान नहीं है।
हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के आदेश को बदलते हुए अब उरांव जनजाति में भी बेटियों को पैतृक संपत्ति में अधिकार देने की बात कह दी है। प्रभा मिंज की ओर से उपस्थित वकील राहुल कुमार गुप्ता ने अपनी प्रतिक्रिया में मीडिया को बताया है कि अदालत के इस निर्णय के दूरगामी प्रभाव दिखेंगे। उन्होंने कहा है कि रूढ़िवादी कानून के कारण बेटियां पैतृक संपत्ति से वंचित रहा करती थी और उन्हें जीवन में कई मुश्किलों का सामना करना पड़ता था।
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