प्रेरणादायक: लॉकडाउन में बंद हुआ व्यापार तो घर-घर जाकर बेचने लगी कपड़ें, आज हर महीने कमाती हैं हजारों रुपए

प्रेरणादायक: लॉकडाउन में बंद हुआ व्यापार तो घर-घर जाकर बेचने लगी कपड़ें, आज हर महीने कमाती हैं हजारों रुपए

कोरोना काल में लगाए गए लॉकडाउन में लाखों लोगों की नौकरी गई तो कई लोगों के कारोबार बंद हो गए

पिछले साल देश में कोरोना के आ जाने के साथ ही देश में बहुत कुछ बदल गया। लोगों को इस समय बहुत सारी तकलीफों का सामना करना पड़ा। कोरोना काल में लगाए गए लॉकडाउन में लाखों लोगों की नौकरी चली गई है। कई लोगों के कारोबार बंद हो गए। लोगों के लिए जीवनयापन एक बहुत मुश्किल काम बन गया। ऐसे मुश्किल हालात में एक महिला ने बिना हार माने अपने जीवन की गाड़ी को फिर से पटरी पर लेकर आई। राजकोट में कपड़े का कारोबार करने वाली एक महिला ने लॉकडाउन के बाद स्कूटर को ही अपना दुकान बना लिया है। कोरोना के कारण ठप हुए अपने कारोबार को उन्होंने एक बार फिर से शुरू कर दिया है। वर्तमान समय की बात करें तो ये महिला हर महीने 35 हजार से ज्यादा कमा रुपये कमा रही है।
हम बात कर रहे है राजकोट की रहने वाली खुशबुबेन की, जो आमतौर पर चनिया-चोली, बनारसी साड़ी, बंधनी और दुपट्टे समेत बांधनी और लखनवी जैसे महिलाओं के कपड़े अलग-अलग बाजारों में बेचती थीं। हालांकि, कोरोना काल में अन्य लाखों व्यापारियों की तरह खुशबुबेन का कपड़ा कारोबार ठप हो गया। लेकिन खुशबुबेन ने बिना हार माने बिल्कुल नया रास्ता खोज लिया। इसके बाद से अब पूरे शहर में लोग उनके काम की तारीफ कर रहे हैं।
इस बारे में खुशबुबेन कहती हैं, ''हम चनिया-चोली और दुपट्टे का व्यापार करते थे, लेकिन लॉकडाउन में काम बंद होने के कारण गुजारा करना मुश्किल हो गया। ऐसे में मैंने अपने स्कूटर को दुकान बनाने और उसमें बैठने और घर-घर जाकर महिलाओं की रोजमर्रा की जरूरत की चीजें जैसे कुर्तियां, लेगिंग, टी-शर्ट बेचने का फैसला किया। मेरे पति जितेश ने भी मेरे फैसले का स्वागत किया। इतना ही नहीं इसके लिए सभी जरूरी इंतजाम करते हुए मेरा हौसला बढ़ाया। इसके बाद मैं स्कूटर पर गली गली जाकर कपड़े बेचने लगी। पहले तो लोग मुझसे कपड़े लेने में थोड़ा झिझकते थे।  लेकिन मेरे पास विभिन्न प्रकार के कपड़े और मेरे मिलनसार स्वभाव के कारण, धीरे-धीरे व्यापार चल पड़ा। बाद में लोगों ने बिना किसी विज्ञापन के या प्रचार के ही कपड़े खरीदने के लिए मेरा इंतजार करना शुरू कर दिया और अब विभिन्न बाजारों की तुलना में पहले से कहीं अधिक अच्छा व्यापार चल रहा है। वर्तमान में मेरी मासिक आय रु.  30 से 35 हजार तक पहुंच चुकी है।"