इंडसइंड बैंक : बिना किसी की अनुमति के ही बैंक ने दिया 84 हजार ग्राहकों को लोन
By Loktej
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अज्ञात व्हिसलब्लोअर ने बैंक प्रबंधन और भारतीय रिजर्व बैंक को पत्र लिखकर मामले की ओर ध्यान खिंचा था
इंडसइंड बैंक ने ‘लोन एवरग्रीनिंग’ पर व्हिसलब्लोअर के दावों को पूरी तरह से ‘‘गलत और निराधार’’ बताया और इसके साथ शनिवार को ये स्वीकार किया कि उसने मई में तकनीकी गड़बड़ी के कारण 84 हजार ग्राहकों को बिना उनकी सहमति के ऋण दिया। इससे एक दिन पहले खबर आई थी कि कुछ अज्ञात व्हिस्लब्लोअर्स ने बैंक मैनेजमेंट और आरबीआई को चिट्ठी लिख कर शिकायत की है कि बैंक की माइक्रोफाइनेंस फोकस्ड सब्सिडियरी BFIL ने ‘लोन एवरग्रीनिंग की है। ‘लोन एवरग्रीनिंग के तहत मौजूदा ग्राहक को लोन न चुकाने के बावजूद लोन दे दिया जाता है। निजी क्षेत्र के बैंक ने सफाई देते हुए कहा कि फील्ड कमचारियों ने दो दिन के भीतर ही बिना सहमति के ग्राहकों को ऋण देने की सूचना दी थी, जिसके बाद इस गड़बड़ी को तेजी से ठीक कर लिया गया।
जानकारी के अनुसार अज्ञात व्हिसलब्लोअर ने बैंक प्रबंधन और भारतीय रिजर्व बैंक को इंडसइंड बैंक की सहायक इकाई बीएफआईएल द्वारा दिए गए ऋण के नवीनीकरण (लोन एवरग्रीनिंग) का आरोप लगाते हुए एक पत्र लिखा है। इस तरह जहां मौजूदा ग्राहक अपना कर्ज नहीं चुका पा रहे थे, वहां उन्हें नया ऋण दिया गया, ताकि बही-खातों को साफ रखा जा सके।
हालांकि बैंक ने माना है कि मई, 2021 में ग्राहकों से पूछे गए बगैर ही 84 हजार लोन बांट दिए गए थे. लेकिन ऐसा तकनीकी खामी की वजह से हुआ था। बीएफआईएल द्वारा जारी और प्रबंधित ऋण नियामक द्वारा जारी दिशानिर्देशों का पूरी तरह से पालन करने के बाद ही दिए गए। बैंक ने कहा कि मई 2021 में तकनीकी गड़बड़ी के कारण करीब 84,000 ग्राहकों को बिना अनुमति के ऋण दिए गए।
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