मेडिकल के क्षेत्र में भारत की बड़ी उपलब्धि, सीरम इंस्टिट्यूट ने तैयार किया इस भयानक कैंसर की देशी दवा, जल्द ही बाजारों में होगी उपलब्ध

मेडिकल के क्षेत्र में भारत की बड़ी उपलब्धि, सीरम इंस्टिट्यूट ने तैयार किया इस भयानक कैंसर की देशी दवा, जल्द ही बाजारों में होगी उपलब्ध

सीरम इंस्टिट्यूट ने जानलेवा सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए स्वदेशी वैक्सीन तैयार कर ली है

भारत की सीरम इंस्टिट्यूट ने मेडिकल  क्षेत्र बहुत बड़ा काम करते हुए जानलेवा सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए स्वदेशी वैक्सीन तैयार कर ली है जो अगले कुछ महीनों में बाजार में आ जाएगी। कल सीरम के प्रमुख अदार पूनावाला ने इससे जुड़ी कई बातों को लेकर जानकारी दी।

अभी कीमत निश्चित नहीं पर वैक्सीन नहीं होगी बहुत मंहगी

आपको बता दें कि सीरम इंस्टीट्यूट के प्रमुख पूनावाला ने बताया कि अभी वैक्सीन की कीमत निश्चित नहीं की गई है। ये उत्पादकों व भारत सरकार से चर्चा के बाद तय की जाएगी। इसके बाद भी  अंदाजन इसकी कीमत 200 से 400 रुपये के बीच होगी। वैक्सीन की वैज्ञानिक पूर्णता के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह भी शामिल हुए। वैज्ञानिक पूर्णता से आशय यह है कि टीके से संबंधित शोध एवं विकास का काम पूरा गया है और टीके को जनता को उपलब्ध कराने का अगला चरण होगा।
कार्यक्रम के दौरान जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत कम उम्र की महिलाओं में प्रचलित सर्वाइकल कैंसर के लिए स्वदेशी रूप से विकसित पहला टीका लेकर आया है। देश के पहले क्वाड्रिवेलेंट ह्यूमन पैपिलोमावायरस वैक्सीन (क्यूएचपीवी) को लेकर अदार पूनावाला ने कहा कि सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम के लिए यह देश में विकसित पहला टीका है। साथ ही उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी के देश में बचावकारी दवाओं व टीकों के विकास की दिशा में किये जा रहे प्रयासों के लिए धन्यवाद दिया।

किनको दिया जाएगा टीका


सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इस गंभीर बीमारी से बचाव का यह टीका पहले नौ से 14 वर्ष की लड़कियों को दिया जा सकता है। देश में इस समय एचपीवी के दो टीके मौजूद हैं और इस एचपीवी वैक्सीन की कीमत लगभग 2,000 रुपये से 3,000 रुपये प्रति खुराक है। इन वैक्सीन का निर्माण विदेशी कंपनियों द्वारा किया जाता है। इनमें एक टीका गार्डसिल है जिसे मर्क तैयार करती है, जबकि दूसरी सर्वेरिक्स है, जिसे ग्लैक्सो स्मिथक्लाइन तैयार करती है। ऐसे में उम्मीद है कि सीरम के इस क्षेत्र में उतरने से कीमतें कम होंगी। सरकार के राष्ट्रीय टीकाकरण अभियान में इस टीके को शामिल करना, महिलाओं में सर्विकल कैंसर की समस्या को कम करने की दिशा में यह अहम कदम साबित हो सकता है।

महिलाओं को होने वाला दूसरा सबसे आम कैंसर


इस बीमारी की बात करें तो यह ब्रेस्ट कैंसर के बाद देश में महिलाओं को होने वाला सर्वाइकल कैंसर दूसरा सबसे आम कैंसर है। एचपीवी सेंटर के ताज़ा एस्टिमेट के मुताबिक, भारत में हर साल एक लाख 23 हजार से ज्यादा महिलाएं इस कैंसर का शिकार होती हैं और 77 हजार से ज्यादा की मौत होती है। ऐसे में आंकड़ों की माने तो इस समय पूरे देश में लगभग पांच फीसदी महिलाएं इस बीमारी से जूझ रही हैं।
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