सूरत के उधना क्षेत्र में कोरोना मरीजों के लिए स्कूल को ही अस्पताल में बदल दिया

सूरत के उधना क्षेत्र में कोरोना मरीजों के लिए स्कूल को ही अस्पताल में बदल दिया

सूरत में बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के दौरान उधना क्षेत्र में शिक्षक ने अपनी स्कूल में ही कोविड केर सेन्टर कार्यरत करके मरीजों की सेवा शुरू कर दी।

वर्तमान कोरोनाकाल में शिक्षक कोरोना मरीजों के लिए उत्कृष्ट सेवा प्रदान कर रहे है 
सूरत के उधना में शिक्षक ने कोरोना मरीजों की सेवा के लिए स्कूल को एक अस्पताल में बदल दिया और मानवता के लिए उत्कृष्ट सेवा प्रदान की। कोरोना काल में शिक्षक स्थानिय मरीजों के लिए मुसीबत के समय में एक दिव्य देवदूत डॉक्टर साबित हुए।
सूरत शहर का उधना एक ऐसा क्षेत्र है जहाँ पूरे भारत के लोग रहते हैं। उधना क्षेत्र में कोरोनाकल के दौरान मानवीय कार्य करने वाले स्कूल संचालक और शिक्षक व्यक्ति का नाम जयसुख भाई कथिरिया है। लियो स्कूल के प्रशासक ने शहर में किसी भी आपदा के मामले में सभी संभव योगदान देने के लिए हमेशा तत्परता दिखाई है। वर्तमान में उन्होंने वराछा क्षेत्र में कार्यरत सेवा संस्था और श्री सौराष्ट्र पटेल समाज के संगठन एवं समन्वय में उधना क्षेत्र में अपनी स्कूल में ही  एक उत्कृष्ट कोरोना आईसोलेशन केंद्र स्थापित किया है। जिसमें मरीज के लिए एक मेडिकल स्टाल उपलब्ध कराया गया है। साथ ही अस्पताल के नीति नियमों के अनुसार एसी रूम और ऑक्सीजन की सुविधा भी नि: शुल्क प्रदान की जा रही है। इस आइसोलेशन वार्ड में वर्तमान में 30 बेड और 5 डॉक्टर मित्र हैं। डॉ.कनक सुरमा, डॉ. स्नेहल तलाटी, डॉ. धर्मेश सुरमा के साथ अन्य डॉक्टरों की एक टीम इस सेवा के यज्ञ में योगदान दे रही है।
जयसुख भाई कथिरिया कहते हैं कि वह स्वयं इस आइसोलेशन वार्ड में मौजूद रहते हैं और उन्हें जो मेडिकल नॉलेज है उस अनुसार कोरोना रोगियों को मोटिवेट करने का काम कर रहे हैं। जब तक आवश्यकता होगी तब तक यह सेवा जारी रहेगी। 
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