सूरत : यह रिक्शाचालक आज भी हर दिव्यांग और जरूरतमंद लोगों को फ्री में देता है सवारी

सूरत : यह रिक्शाचालक आज भी हर दिव्यांग और जरूरतमंद लोगों को फ्री में देता है सवारी

पिता की सीख से प्रभावित होकर लिया था पाँच साल पहले सेवा कार्य का संकल्प

कोरोना महामारी ने सभी को एक बहोत ही बड़ी सीख सिखाई है। महामारी के इस समय ने सभी को एक दूसरे के लिए किस तरह सहायक बना जा सकता है उसकी अच्छी सीख दी है। हालांकि कई लोगों ने इस समय में भी अपनी लालच को दिखाते हुये लोगों से उन्हें लूटने का कोई भी मौका ना छोड़ा हो। पर फिर भी कई लोग ऐसे है जो आज भी मानवता कि मिसाल देते है। वराछा के रहने वाले वीरभद्रसिंह भी उन्ही लोगों में से एक है। वह आज भी किसी भी जरूरतमंद व्यक्ति या अपंग व्यक्ति को बिना कोई भाड़ा लिए अपनी रिक्शा से उनके गंतव्य तक ले जाते है। 
वीरभद्रसिंह ने अपनी रिक्शा के पीछे लिखा है कि वह दवाखाने जाने वाले या अंधे तथा अपंग व्यक्ति के पास से कोई भी किराया नहीं लेंगे। शहर में कई रिक्शाचालकों ने इस तरह कि मुहिम शुरू कि है। वीरभद्र कहते है कि उनके पिता जो कि वॉचमैन है उन्होंने बताया कि वह क्षत्रिय समाज से है और जरूरतमंद लोगों की मदद करना उनका कर्तव्य है। बस इसी के बाद से उन्होंने यह सेवा शुरू की। वीरभद्र कहते है की हर दिन एक या दो ऐसे ग्राहक मिल ही जाते है, उनकी मदद करके उन्हें काफी खुशी मिलती है। 
वीरभद्र ने बताया कि एक बार वह एक हिन्दी भाषी गरीब परिवार की बेटी, जिसे की कोरोना था उसे अस्पताल पहुँचाने गए थे। उस समय उसे कोई भी अस्पताल नहीं ले जा रहा था और उसके पास दवा के पैसे भी नहीं थे। इसलिए वीरभद्र ने अपना नंबर देकर उन्हें किसी भी जरूरत में बुलाने के लिए कहा था। बस इतना सुनकर ही महिला भावुक होकर रोने लगी थी। 
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